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बैंकों और उनके कर्मचारियों ने किया ज्यादा निराश – पीयूष गोयल

बैंको में बढ़ते घोटाले और डगमगाते हालातों के बारे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बात करते हुए इस बात को स्वीकार किया की हर दिन बैंको की हालत खस्ता होती जा रही है।

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नई दिल्ली । बैंको में बढ़ते घोटाले और डगमगाते हालातों के बारे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बात करते हुए इस बात को स्वीकार किया की हर दिन बैंको की हालत खस्ता होती जा रही है। बैंक लोगो की उम्मीद पर खरे उतरने पर नाकाम रही हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा की सरकारी बैंकों पर निगरानी रखने में आरबीआई पूरी तरह से असफल रहा हैं। सरकार इस बात की निंदा करती हैं। आरबीआई अपनी जम्मेदारीयां पूरी तरह से नहीं निभा पाया हैं।

गोयल ने बैंक हालात पर की बात
पीयूष गोयल एक औद्योगिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंचे थे। वहीं पर बैंको के हालातों पर पीयूष गोयल ने बात की। पीयूष ने कहा की सरकारी बैंकों कि हलात में सुधार करने में सरकार सहयोग करने और पूरी तरह से मदद करने के लिये तैयार है। मंत्री ने सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाए जाने की बात को भी खारिज किया और स्पष्ट किया कि सरकार की सभी 20 सरकारी बैंकों में अपनी 51% हिस्सेदारी को कम करने की कोई योजना नहीं है। गोयल के इस बयान को आईडीबीआई बैंक में बहुमत हिस्सेदारी एलआईसी को बेचना पर सफाई के रुप में भी माना जा रहा है। आईडीबीआई बैंक में एलआईसी को हिस्सेदारी देने पर दोनों के कर्मचारी जमकर विरोध कर रहे हैं।

विपक्ष को ठहराया जिम्मेदार

नीरव मोदी ने जो 13,500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की उसके लिए तो हमेशा ही सरकार विपक्ष को जिम्मेदार ठहराती रहती है। बैंकों के बिगड़ते हलातों के लिये भी विपक्ष को ही जिम्मेदार ठहराते हुए गोयल ने कहा की पूर्व में सरकारी बैंकों में राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा था। इसलिये ही बैंको की आज ये हलात है। आगे केंद्रीय मंत्री का कहना है कि पूर्व में जो हुआ वो वर्तमान सरकार में नहीं होगी सरकार बैंको पर पूरी तरीके से नजर तो रखेगी लेकिन कोई भी सराकर का मंत्री बैंकों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेगा।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सभी सरकारी बैंकों की समुचित पूंजी के साथ मदद करेगी।