
बजट 2019: सरकार कहां से लाएगी 87 हजार करोड़, कैसे बनाएगी खेती को लाभ का सौदा?
नई दिल्ली। इस साल अभी तक मानसून की रफ्तार बहुत धीमी है। इससे आम लोग ही नहीं खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहने वाला देश का किसान सबसे ज्यादा परेशान है। इसलिए देश के किसानों को इंद्रदेव से भारी बारिश के साथ सरकार से भी बड़ी उम्मीदे हैं।
ऐसे में दूसरी बार सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार 2.0 कैसे किसानों के लिए 87 हजार करोड़ रुपए जुटा पाएगी और खेती को किसानों के लिए लाभ का सौदा बना पाएगी यह एक अहम सवाल है।
इसका जवाब देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट के जरिए दे सकती हैं। वह अपने बजट के जरिए बता रही हैं कि किसानों की समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है।
मानसून भरोसे 55% किसान
खेती लाभ का सौदा कैसे होगा, यह सवाल उस स्थिति में और महत्वपूर्ण हो जाता है जब देश में 55 फीसदी से अधिक खेती मानसून के भरोसे हो। तूफानी चक्रवात वायु ने तो किसानों की मुश्किलों को और विकट बना दिया हो।
मोदी के चुनावी वादे
वैसे भी इस बार किसानों को मोदी सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पीएम मोदी ने वादा किया था कि भाजपा सरकार 25 लाख करोड़ रुपए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर खर्च करेगी।
इसके अलावा किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने, क्रेडिट कार्ड पर 1 लाख तक का ऋण पांच साल के लिए ब्याजरहित मुहैया कराने का भी वादा किया था। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने किसानी के काम को लाभ का सौदा बनाने की भी बातें की थी।
पैसों का प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत देश के 14.5 करोड़ किसानों को 6 हजार रुपए प्रतिमाह देने के वादाेें पर अमल जारी है। लेकिन इसे पूरा करने के लिए सरकार पर सालाना 87 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार बढ़़ गया है।
इसका वित्तीय प्रबंधन करना आसान काम नहीं है। फिर सरकार के समक्ष केवल 87 हजार करोड़ की नहीं बल्कि गांव के किसानों की भलाई के लिए 25 लाख करोड़ रुपए विकास पर खर्च करने की चुनौती पीएम मोदी के सामने मुंह बाए खड़ी है।
इसके अलावा ब्याजरहित ऋण के वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी भी मोदी सरकार पर है। इसलिए सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार इतना पैसा कहां से लाएगी?
Updated on:
05 Jul 2019 11:12 am
Published on:
05 Jul 2019 08:45 am
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