
EX FS SC Gard Said Tax collection may be reduced by Rs 2500 billion
नई दिल्ली। क्या वक्त आ गया है कि सरकार को अब सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन और नेशनल पॉपुलेशन ऑफ रजिस्टर से ध्यान हटा देना चाहिए? यह बात अब इसलिए उठ रही है क्योंकि अब सरकार को आर्थिक मुद्दों पर ध्यान देने की ज्यादा जरुरत है। हम यह बात इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार में फाइनेंस सेकेट्री रहे सुभाष चंद्र गर्ग ( SC Garg ) ने अपने ब्लॉग में कहा है कि इस बार टैक्स कलेक्शन 2500 अरब रुपए कम रह सकता है। जो कुल जीडीपी का 1.2 फीसदी है। वहीं उन्होंने इस बात की भी चेतावनी दी कि टैक्स कलेक्शन के नजरिए से मौजूदा वित्त सबसे बुरा होने जा रहा है। वहीं उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए भी कहा कि सरकार को अब डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटा देना चाहिए। आपको बता दें कि एक्स फाइनेंस सेकेट्री एससी गर्ग का यह ब्लॉग बजट से करीब 10 दिन पहले आया है। जिसमें उन्होंने सरकार के लिए कई गंभीर मुद्दों की ओर इशारा किया है।
2500 अरब रुपए कम होगा टैक्स क्लेकशन!
सुभाष चंद्र के ब्लॉग के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष का टैक्स कलेक्शन 2500 अरब रुपए कम होने की संभावना है। अब समय आ गया है कि सरकार को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को समाप्त करना चाहिए और पर्सनल इनकम टैक्स कानून में सुधार लाना चाहिए। गर्ग ने कुल टैक्स कलेक्शन के टारगेट पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर राज्यों के हिस्से का 8.09 लाख करोड़ रुपए को अलग रखा जाए मो बजट में केंद्र सरकार का शुद्ध राजस्व संग्रह लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया है। यह टारगेट 2018-19 में संग्रह किए गए 13.37 लाख करोड़ रुपये के अस्थाई, वास्तविक कर संग्रह से 3.13 लाख करोड़ रुपए यानी 23.4 प्रतिशत अधिक है। जोकि काफी वास्तविकता में काफी ज्यादा है। आपको बता दें किसरकार ने बजट में कुल 24.59 लाख करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन होने का अनुमान लगाया था।
कई तरह के टैक्स कलेक्शन में गिरावट संभाव
गर्ग ने अपने ब्लॉग में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में कॉर्पोरेट कर, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क कलेक्शन में गिरावट रहने की संभावना है। आंकड़ों की मानें तो कॉरपोरेट टैक्स में 8 फीसदी, एक्साइज 5 फीसदी और और कस्टम 10 फीसदी की गिरावट रह सकती है। कंपनी टैक्स में 8 फीसदी, उत्पाद शुल्क 2.31 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले करीब 5 फीसदी कम 2.2 लाख करोड़ रुपए और सीमा शुल्क प्राप्ति 1.18 लाख करोड़ रुपए के बजट अनुमान के मुकाबले 10 फीसदी कम 1.06 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार का सकल राजस्व संग्रह 3.5 लाख से 3.75 लाख करोड़ रुपए तक कम रहने का अनुमान है। गर्ग के अनुसार यह अंतर काफी बड़ा है, जिसे गैर- कर राजस्व में अधिक प्राप्ति के जरिए भरना काफी मुश्किल है। खर्च में कटौती से भी भरपाई करना मुश्किल लग रहा है। 'ऐसे में राजकोषीय घाटा बजट में रखे गये 3.3 फीसदी के अनुमान के मुकाबले 0.5 से लेकर 0.7 फीसदी तक ऊंचा रहना तय लगता है।
Updated on:
20 Jan 2020 08:57 am
Published on:
20 Jan 2020 08:56 am
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