पूंजी स्कीम के तहत कैसे ठगते थे पैसे
दिसंबर 2016 में शुरू की गर्इ इस कंपनी ने करीब 954 करोड़ रुपए का इकट्ठा कर चुकी है। र्इडी के मुताबिक, “हमने भारतीय रिजर्व बैंक को इसके बारे में जानकारी दे दी है ताकि वो इस पूंजी स्कीम के बारे में जांच कर सके आैर निवेशकों को हितों का बचाव कर सके।” बता दें कि पूंजी स्कीम के तहत, एक निवेश कंपनी लोगों से फ्राॅड करके पैसे वसूलती है। कंपनी उन्हें उंचे ब्याज दर का लालच देती है लेकिन वो इस पैसे का इस्तेमाल पहले के निवेशकों से लिए गए पैसे का ब्याज चुकाने पर खर्च करती है। इस स्कीम के तहम कंपनी लोगों काे भरोसा दिलाती है कि यदि वो कंपनी को पैसे देते हैं तो उन्हें कंपनी के मुनाफे की वजह से अधिक ब्याज मिलेगा।
144 फीसदी प्रति साल ब्याज का देती थी लालच
र्इडी की तरफ से जांच में खुलासा हुआ है कि यह कंपनी ‘हलाल’ के नाम पर ग्राहकों से उनके निवेश पर 12 फीसदी प्रति माह की ब्याज दर देने का लालच देती थी। इस हिसाब से वार्षिक तौर पर देखें तो यह कंपनी लोगों को उनके पैसे पर एक साल में 144 फीसदी का ब्याज देने का लालच देती थी। बयान में कहा गया, “इसके लिए कंपनी ने लोगों से इलेक्ट्राॅनिक माध्यम, चेक व नकदी में पैसे वसूलती थी लेकिन वो न तो आरबीआर्इ आैर न ही बाजार नियामक सेबी के अंतर्गत रजिस्टर्ड थी।”
फेमा के नियमों का भी उल्लंघन
4 आैर 5 जनवरी 2018 में एक जांच से पता चला था कि कपंनी ने फाॅरेन ट्रेडिंग को लेकर फाॅरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के नियमों को उल्लंघन किया है। ये जांच 11 नवंबर को आयकर विभाग के एक लेटर के आधार पर हुआ । इस दौरान कुल 1.97 करोड़ रुपए का नकदी बरामद हुआ था। ये बरामदी कंपनी के मालिक सर्इ फरीद अहमद आैर उसके बेटे सर्इद अफाक अहमद के घर से फेमा अधिनियम 13(2) के तहत हुआ था।