
ग्लोबल करेंसी वाॅर से भारत के विकास को होगा बड़ा खतरा: उर्जित पटेल
नर्इ दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि दुनियाभर में उठाए जा रहे संरक्षणवादी कदमों से मुद्रा युद्ध (करेंसी वार) पैदा होने की संभावना बनी हुई है जिससे भारत के विकास की भावी राह में बाधा उत्पन्न हो सकती है। मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा, "पिछले कुछ महीनों से हलचल की स्थिति देख चुके हैं और लगता है कि यह स्थिति जारी रह सकती है। मालूम नहीं यह कब तब जारी रहेगी। व्यापार को लेकर उत्पन्न विवाद आयात शुल्क की जंग का रूप ले लिया है और अब मुद्राओं को लेकर युद्ध शुरू होने की संभावना है।"
जोखिमों को लेकर हैं सतर्क
उन्होंने कहा, " ऐसी स्थिति में हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम जोखिमों को लेकर सतर्क हैं और समष्टिगत आर्थिक स्थायित्व सुनिश्चित करने के अवसरों को अधिकतम करना हमारे वश में है। हम आगे सात फीसदी से लेकर 7.5 फीसदी विकास दर को बरकरार रख सकते हैं। हम उन कार्यो को अंजाम दे रहे हैं जो हमारे लिए अनुकूल हैं और अगर हम इस पथ पर अग्रसर रहेंगे तो हम यह सुनिश्चित करते हैं कि बुरी तरह प्रभावित करने वाले वैश्विक खतरों का हमारे ऊपर असर नहीं होगा।"
अड़चन पैदा कर सकती है कच्चे तेल की कीमतें
पटेल के अनुसार, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और बढ़ती महंगाई से भारत की विकास दर की राह में अड़चन पैदा हो सकती है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में देश की विकास दर 7.4 फीसदी रहने की उम्मीद जाहिर की। पटेल की यह टिपण्णी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद आई है, जिसमें एमपीसी ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 फीसदी करने के पक्ष में मत दिया। आपको बता दें कि तीन दिनों चली बैठक के बाद आरबीआर्इ ने रेपो रेट आैर रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी कर बढ़ोत्तरी कर दी है।
Published on:
01 Aug 2018 07:38 pm
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