
जीएसटी रिफंड के लिए अब नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, शुरू होगी सिंगल विंडो
नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने शनिवार को कहा कि जीएसटी में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिये जनवरी 2020 से नये डीलरों के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से बातचीत की।
सुशील मोदी ने दी जानकारी
जीएसटीएन पर मंत्रियों के समूह के प्रमुख और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बैठक के बाद यहां मीडिया से कहा कि, ‘‘नए डीलरों के लिए आधार वेरिफाई अनिवार्य किया जाएगा। अभी यह व्यवस्था वैकल्पिक थी। हमने दो साल में पाया कि रातों-रात गायब हो जाने वाले परिचालकों की संख्या काफी बड़ी है। ऐसे परिचालक कारोबार के फर्जी बिल और रसीदें बनाते हैं।’’
वेरिफिकेसन में लगेंगे 3 दिन
सुशील मोदी ने कहा कि जो आधार सत्यापन नहीं करना चाहते हैं उन्हें खुद उपस्थित होकर सत्यापन कराना होगा और इसमें तीन दिन लगेंगे। उन्होंने बताया कि जीएसटीएन ने केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी दोनों में से किसी एक स्रोत से 24 सितंबर से ऑनलाइन रिफंड की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।
2020 से होगा शुरू
उन्होंने कहा कि जीएसटीएन ने रिटर्न दायर करने की बेहद सरलीकृत नयी प्रणाली को एक जनवरी 2020 से शुरू करने का निर्णय लिया है। इस बीच जीएसटीएन ने इस नयी प्रणाली का ऑनलाइन संस्करण प्रायोगिक तौर पर शुक्रवार को शुरू किया। जीएसटीएन ने एक बयान में इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की अगली बैठक 20 सितंबर को गोवा में होगी।
Updated on:
15 Sept 2019 12:43 pm
Published on:
15 Sept 2019 10:34 am
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