
GST reduction in health insurance may get booster dose
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच देश का आने वाला बजट अहम होने के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए काफी चुनौतीपूर्ण भी है। इस बजट से देश के आम लोगों को काफी राहत की उम्मीद है, वहीं देश को चलाने के लिए सीतारमण पर आय बढ़ाने का भी भार होगा। खास बात यह है कि इस बार वित्त मंत्री हेल्थ सेक्टर से जुड़े मामलों में राहत दे सकती है। सरकार हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन की सीमा में बढ़ोतरी कर सकती है।
हेल्थ कर रहा है जीएसटी रेट कट की मांग
जानकारों की मानें तो सरकार को बजट में जिस तरह आयुष्मान भारत में पैकेज निर्धारित किए गए हैं, वैसे ही कोविड19 के इलाज के दौरान अस्पताल से जुड़े खर्चों पर अस्पतालों के लिए पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। देश में अब भी लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है।
वहीं कई लोगों के जो कवर है वह जरुरत के मुताबिक काफी कम है। वहीं सरकार से कोरोना मरीजों के इलाज पर होने वाले खर्च को भी स्टैंडर्ड करने की डिमांड की जा रही है। सरकार को हेल्थ इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी रेट 18 फीसदी से कम कर 5 फीसदी करना चाहिए।
इस 80डीडीबी में शामिल करने की मांग
टैक्स रूल्स के अनुसार न्यूरो बीमारियांस कैंसर, एड्स और क्रोनिक रेनल फेल्योर समेत कई बीमारियों के लिए सेक्शन 80डीडीबी के तहत सालाना 40 हजार रुपए तक का टैक्स डिडक्शन लाभ दिया जाता है। सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा एक लाख रुपए है। मांग की की जा रही है कि सरकार कोरोना के इलाज पर आए खर्च को सेक्शन 80डीडीबी के तहत लाए। वहीं दूसरी ओर कोविड के कारण स्वास्थ्य बीमा लेने वालों में इजाफा हो रहा है। सरकार से मांग है कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स एग्जेंप्शन को बढ़ाए, ताकि टैक्पेयर्स हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर और ज्यादा सजग हों।
इस बात की मांग की जा रही है कि सेक्शन 80डी के तहत सरकार को स्वयं व माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम पर 25 हजार की एक्सट्रा छूट देनी चाहिए। मौजूदा समय में 80डी के तहत 25 हजार रुपए तक के हेल्थ प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ दिया जाता है। सीनीयर सिटीजन के लिए यह लाभ 50 हजार रुपए है। जानकारों की मानें तो टैक्स इंसेटिव्स ज्यादा मिलने से ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस के कवर बढ़ाएंगे।
Updated on:
22 Jan 2021 12:06 pm
Published on:
22 Jan 2021 12:01 pm
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