
अब इस नाम से जाना जाएगा IDFC Bank, कारोबार को ऐसे करेगा विस्तार
नई दिल्ली। निजी क्षेत्र के आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) ने अपना नाम बदलकर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक कर लिया है। शनिवार को प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक ने ये बड़ी घोषणा की। दरअसल आईडीएफसी बैंक का नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी 'कैपिटल फर्स्ट' के साथ विलय हो गया है। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर 2015 को आईडीएफसी बैंक लॉन्च किया था। आईडीएफसी बैंक भारत में आधार-लिंक्ड कैशलेस मर्चेंट सॉल्यूशन लॉन्च करने वाला देश का पहला बैंक था।
बीएसई को दी फाइलिंग
बैंक ने बीएसई को एक फाइलिंग दी जिसमें लिखा था कि, 'बैंक का नाम अब आईडीएफसी से बदलकर 'आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड' कर दिया गया है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा जारी 'सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन परसुएंट टू चेंज ऑफ नेम' के तहत 12 जनवरी 2019 से यही नाम होगा।'
बैंक कारोबार में करेगा विस्तार
इससे पहले 18 दिसंबर को आईडीएफसी बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी 'कैपिटल फर्स्ट' ने विलय की घोषणा की थी, जिसके बाद आईडीएफसी बैंक बोर्ड ने कैपिटल फर्स्ट लिमिटेड के चेयरमैन के तौर पर वी वैद्यनाथन को इन दोनों कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति किया था। विलय के बाद अब इस संयुक्त इकाई के 203 बैंक ब्रांच के साथ-साथ 129 एटीएम और 454 ग्रामीण बिजनस कॉरेसपॉन्डेंट सेंटर्स हैं, जिनके जरिए 72 लाख ग्राहकों को सेवाएं दी जाती हैं। विलय से आईडीएफसी को लाभ होने की संभावनाएं हैं। वह अपनी संपत्ति में तेजी से इजाफा कर सकेगा। ग्रामीण इलाकों में बैंक की काफी शाखाएं हैं। साथ ही ग्राहक की संख्या भी काफी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बैंक तेजी से अपने कारोबार का विस्तार करेगा।
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Published on:
13 Jan 2019 11:13 am
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