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यूपी या गुजरात नहीं, इस चुनाव में हुआ है सबसे ज्‍यादा खर्च

उत्तर प्रदेश के चुनाव में विभिन्न दलों ने 5500 करोड़ रुपए खर्च किए थे। जिनमें से करीब 1000 करोड़ रुपए ‘वोट के बदले नोट’ पर खर्च किए गए थे।

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नई दिल्‍ली। मई के इस गर्म महीने को कर्नाटक के चुनाव ने और भी ज्‍यादा गर्म बना दिया है। पोलिंग चल रही है। मोदी, राहुल और अमित शाह की रैलियों से आए बयानों के बौछारों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन इस कर्नाटक चुनाव की सबसे खास बात यह है कि यह देश का सबसे खर्चीला विधानसभा चुनाव घोषित होने जा रहा है। इससे पहले यूपी चुनाव 2017 और गुजरात चुनावों को खर्चीला चुनाव बताया जा रहा था। लेकिन कर्नाटक चुनाव सारे रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार बैठा है।

बीजेपी और कांग्रेस ने गुजरात में बहाया था रुपया
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात के चुनावों में कम रुपया खर्च नहीं हुआ था। जिस तरह से देश के सभी बीजेपी सीएम और केंद्रीय कैबिनेट गुजरात में रैलियां कर रहा था तो उसमें पार्टी फंड की ओर से रिकॉर्ड खर्चा किया गया था। पार्टी फंड की ओर से कितना खर्चा हुआ अभी तक इसका अधिकारिक आंकड़ा तो नहीं मिल सका है, लेकिन जानकारों की मानें तो 900 करोड़ रुपए से अधिक पार्टी की ओर से खर्चा हुआ था। वहीं पार्टी के 182 उम्‍मीदवारों ने औसत 16.45 लाख रुपये खर्च किए थे। इसका मतलब ये हुआ कि कैंडीडेट्स ने 29,93,90,000 रुपये खर्च हुए थे। वहीं बात कांग्रेस की करें तो वहां पार्टी की ओर से कोई कम खर्चा नहीं हुआ। जानकारों की मानें तो कांग्रेस ने पार्टी फंड से करीब 700 करोड़ रुपये का खर्चा किया था। वहीं 178 कैंडीडेट्स ने औसतन 15.99 लाख खर्चा किया। कांग्रेस कैंडीडेट्स ने कुल 28,46,22,000 रुपये का खर्चा किया।

5500 करोड़ हुए थे यूपी में खर्च
उत्तर प्रदेश के चुनाव में विभिन्न दलों ने 5500 करोड़ रुपए खर्च किए थे। जिनमें से करीब 1000 करोड़ रुपए ‘वोट के बदले नोट’ पर खर्च किए गए थे। यूपी चुनाव में चौड़े पर्दे पर प्रदर्शन और वीडियो वैन समेत प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक पर ही 600-900 करोड़ रुपए खर्च हुआ था। वहीं हर वोट पर करीब 750 रुपए का खर्च आया था जो उस समय देश में सर्वाधिक था। अगर बात यूपी की सभी पार्टियों में इन रुपयों को बराबर में बांट दिया जाए तो हर पार्टी ने औसत 1150 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए थे।

अब कर्नाटक चुनाव होगा सबसे आगे
आज कर्नाटक में मतदान हो रहा है। अगर कर्नाटक में नेताओं की संपत्ति की बात करें तो वो यूपी और गुजरात के नेताओं से काफी ज्‍यादा है। दोनों प्रमुख पार्टियों ने खर्चा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राहुल की कितनी रैलियां और दौरे और कितने समय तक चले, किसी से छिपा नहीं है। जानकारों की मानें तो कांग्रेस कर्नाटक चुनाव में कुल खर्च 1300 करोड़ के आसपास पहुंच सकता है। वहीं बात बीजेपी की करें तो वो भी करोड़ों रुपयों का खर्चा हो चुका है। जानकारों की मानें तो बीजेपी का भी चुनावी खर्चा 1400 से 1500 करोड़ के आसपास होने की उम्‍मीद है।

कैंडीडेट्स भी बहा रहे हैं रुपया
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने सभी 224 सीटों पर कैंडीडेट्स उतारें हैं। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि कर्नाटक साउथ इंडिया के सबसे अमीर राज्‍यों में से एक हैं। ऐसे में वहां नेताओं के पास रुपयों की कोई कमी नहीं है। एक कैंडीडेट की 26 लाख की खर्च सीमा होने के बाद अनुमान 2 करोड़ से ऊपर का लगाया जा रहा है। ये दोनों पार्टियों के कैंडीडेट्स का है। जानकारों की मानें तो जिस तर‍ह से नेताओं के घरों से 2000 रुपए के नोटों के रूप में करोड़ों रुपये बरामद हुए थे वो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि कैंडीडेट्स ने किस तरह से खर्चा किया है।