30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जानिए एडवांस टैक्स आैर TDS में क्या है अंतर

आज के समय में लोगों को सबसे अधिक भ्रम एडवासं टैक्स आैर टीडीएस में अंतर ही नहीं पता होता है।

2 min read
Google source verification
Advance Tax

जानिए एडवांस टैक्स आैर TDS में क्या है अंतर

नर्इ दिल्ली। हर साल जब टैक्स भरने का समय आता है ताे अाम आदमी ही नहीं बल्कि इसे जुड़े जानकार भी घबरा जाते है। दरअसल, भारत में टैक्स से जुड़े नियमों में इतने सारे पेंच होते हैं कि किसी के लिए भी इसे समझना इतना आसान नहीं होता है। एेसे में कर्इ लोगों में टैक्स से जुड़े कुछ अहम बातों के लिए गलतफहमी रहती है। एडवांस टैक्स से जुड़ी कर्इ गलतफहमियों में से एक सबसे बड़ी बात ये होती है कि लोग एडवांस टैक्स आैर TDS में अंतर ही नहीं समझ पाते हैं। लेकिन आप चिंता न करें, आज हम आपकी इस गलतफहमी को दूर कर देते हैं। आइए जानते हैं कि एडवांस टैक्स अौर टीडीएस में क्या अंतर होता है।


क्या होता है टीडीएस ?

टैक्स वसूली की नियमों के अनुसार कमार्इ के साथ टैक्स का भुगतान करना होता है। टीडीएस का मतलब टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स होता है। ये आपके कमार्इ पर मिलने वाली रकम पर कटता है। अासान भाषा में समझें तो टीडीएस आपकी कमार्इ की सोर्स पर कटने वाला टैक्स होता है। सरकार टीडीएस के जरिए आपको आय पर टैक्स जुटाती है। टीडीएस आपको विभिन्न तरह के आय सोर्स पर काटा जाता है, मसलन सैलरी, किसी निवेश पर मिलने वाला ब्याज या कमीशन आदि।


क्या है एडवासं टैक्स ?

इनकम टैक्स जमा करने के कर्इ तरीकों में से एक एडवांस टैक्स भी है। एडवांस टैक्स उसी साल में जमा करना होता है जिस साल में आपकी कमार्इ हाेती है। आपके लिए एडवांस टैक्स तब देय हाेता है जब अपके द्वारा 10,000 रुपए या उससे अधिक का टैक्स देय होता है। एडवांस टैक्स पेमेंट दिया जाने वाला टैक्स टीडीएस काटकर जमा किया जाता है। एडवांस टैक्स अपनी मर्जी से चुकाया जाता है आैर इसे आप एक साल में तीन बार जमा कर सकते


आपको बात दें कि टीडीएस अौर एडवांस टैक्स से सरकार को लगातार टैक्स मिलता रहता है। इसका एक आैर फायदा हाेता है कि इसमें आपको भारी-भरकम टैक्स नहीं देना होता है। एडवांस टैक्स जमा करने की पूरी प्रक्रिया आयकर अधिनियम की धारा 208 में बतार्इ गर्इ है। लोगों में आर्इटीआर को लेकर जो एक सबसे बड़ा कन्फ्यूजन होता है वो ये कि, क्या उनके आर्इटीआर भरने के लिए Form 26 AS काफी नहीं है। हम आपको बात दें कि इसके लिए आपके पास कटे हुए टीडीएस का प्रुफ होना जरूरी है। इससे फार्म 26 AS से मदद मिलती है। इस फाॅर्म में आपके पे पर कटे हुए टैक्स की जानकारी होती है। आप अपने फाॅर्म 26 एएस में आॅनलाइन जाकर अपने टैक्स रिटर्न की काॅपी देख सकते है। इसके साथ ही आपको इस बात की ध्यान देना होगा कि यदि टैक्स आपके द्वारा टैक्स कटौती में कोर्इ मेल नहीं होता तो इसके लिए आपको फाॅर्म 16 या 16A भरना पड़ सकता है।