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इन बातों का रखेंगे ख्याल तो तुरंत मिलेगा लोन, मना नहीं कर पाएंगे बैंक

बैंकों का रुपया लेकर भागने वालों ने उन इनोवेटिव लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जो अपना खुद का बिजनेस बैंक से लोन लेकर करना चाहते हैं।

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Business Loan

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नई दिल्‍ली। मौजूदा समय में बैंकों पर करीब 9 लाख करोड़ रुपए का एनपीए बढ़ चुका है। अनुमान है कि अगले पांच महीनों में इस रकम में 8 हजार करोड़ रुपए और जुड़ सकते हैं। ऐसे में बैंक अब लोन देने के मामले में कतराने लगे हैं। बैंकों का रुपया लेकर भागने वालों ने उन इनोवेटिव लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जो अपना खुद का बिजनेस बैंक से लोन लेकर करना चाहते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनको मानने से बैंक आपको लोन देने से बिल्‍कुल भी मना नहीं कर सकता है।

जमीन और मशीनरी का दें पूरा ब्‍यौरा
अगर आप बिजनेस लोन लेना चाहते हैं तो सबसे पहले इस बात को जानना जरूरी है कि आपको किस तरह के बिजनेस के लिए लोन लेना हैं। उस बिजनेस के लिए आपको कितने रुपयों की जरुरत है। अगर आपको अपने बिजनेस के लिए मशीनरी खरीदनी है तो पहले आपको उसकी कीमत का पूरा ब्‍योरा अपने पास रखना होगा। क्‍योंकि कई बैंक और एनबीएफसी आपको मशीनरी के लिए भी लोन देते हैं। अगर आप फैक्‍ट्री लगाते हैं तो फैक्‍ट्री की जमीन के कागजात के साथ फैक्‍टरी से जुड़े सभी पेपर्स आपके पास पूरे होने जरूरी है।

साफ सुथरा हो आपका अकाउंट
मौजूदा समय में जिस तरह से बैंकों ने धोखा खाया है, उसके बाद से बैंकों का भरोसा धीरे-धीरे उठ रहा है। इसलिए बिजनेस लोन के लिए आपकी बुक ऑफ अकाउंट्स काफी साफ सुथरी होनी चाहिए। क्‍योंकि बैंक अब इस बात को भी देख रहे हैं कि जहां वो इनवेस्‍ट कर रहे हैं वो सही भी है या नहीं।

ये डॉक्‍युमेंट्स होना काफी जरूरी है
आप जिस कंपनी के लिए लोन चाहते हैं, आपको तीन साल की उसकी बैलेंसशीट, मुनाफा या घाटे का पूरा ब्‍योरा, कैश फ्लो स्‍टेटमेंट, टैक्‍स ऑडिट रिपोर्ट, स्‍टेच्‍युटरी ऑडिट रिपोर्ट आदि देनी होगी। जबकि इंडिविजुअल लोन के लिए आपको बैंक स्‍टेटमेंट, सैलरी स्लिप (अगर है), आईटीआर जैसी चीजें ही देनी होती हैं।

क्रेडिट रेटिंग अच्‍छी हो तो बेहतर
आपको बिजली, प्रदूषण, आग, सुरक्षा, बिल्डिंग आदि से जुड़ी सरकारी स्‍वीकृतियां और डाक्‍यूमेंट्री सबूत भी देने होंगे। जमीन के मामले में आपको अलॉटमेंट लेटर देना होगा। बिजनेस लोन की मात्रा अधिक होने से उसमें क्रेडिट रेटिंग भी काफी मददगार साबित होती है। चूंकि बैंकों के प्रोसेस या जरूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, ऐसे में अपनी जरूरत के मुताबिक आपको कुछ बैंकों या एनबीएफसी को शॉर्ट लिस्‍ट कर लेना चाहिए।