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जानिए कब से हिंदी में छपने लगा बजट, क्यों लिया गया ये फैसला

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का अगला और आखिरी बजट पिछले दो साल की तरह 1 फरवरी को ही पेश होने जा रहा है।

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जानिए कब से हिंदी में छपने लगा बजट, क्यों लिया गया ये फैसला

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का अगला और आखिरी बजट पिछले दो साल की तरह 1 फरवरी को ही पेश होने जा रहा है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार आम चुनाव 2019 से कुछ ही समय पहले पेश किए जाने वाले इस बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली आम आदमी, यानी मध्यम वर्ग को खासी राहत दे सकते हैं। मोदी सरकार के इस बजट से हर वर्ग के लोगों को कई उम्मीदें हैं। मोदी सरकार का आखिरी बजट सरकार और जनता दोनों के लिए ही काफी खास होने वाला है। ऐसे में आज हम आपको बजट से जुड़ी एक ऐसी ही खास बात बताने जा रहे हैं।

इसलिए हिंदी में आया बजट

भारतीय बजट का अपना पुराना इतिहास है, इसके बारे में कई ऐसी बातें है जो बहुत ही कम लोग जानते हैं। जैसे की बजट पहली बार हिंदी में कब पेश किया गया। तो आपको बता दें कि देश में सबसे पहले वर्ष 1955-56 में पहली बार हिंदी में बजट पेश किया गया था। इससे पहले बजट को सिर्फ अंग्रेजी में लिखा और पेश किया जाता था। बजट को हिंदी में लाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इसे आम लोग भी आसानी से समझें। साथ ही इसको हिंदी में लाने का एक और उद्देश्य ये भी था कि देश की बात देश की भाषा में होनी चाहिए। इसलिए ही 1955-56 से लगातार बजट भाषण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार होते आ रहा है। यह अलग बात है कि देश के वित्त मंत्री अपनी सुविधा के हिसाब से हिंदी या अंग्रेजी में बजट भाषण पढ़ते हैं।

ऐसे बना बजट शब्द

आपको बता दें कि बजट शब्द की उत्पति लातिन शब्द बुल्गा से हुई। बुल्गा का अर्थ होता है चमड़े का थैला। इसके बाद में फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट बना। इसके बाद अस्तित्व में आया अंग्रेजी शब्द बोगेट या बोजेट, फिर यही शब्द बजट बना।