
नई दिल्ली: 27 मार्च के बाद एक बार फिर से rbi ने अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कुछ कड़े फैसले लिए । इनमें से एक फैसला बैंको के NPA के संबंध में भी लिया गया। दरअसल भारतीय बैंकों में NPA की समस्या बढ़ती जा रही है। इसी सिलसिले में RBI ने अब डिफाल्ट लोन को NPA घोषित करने की अवधि बढ़ा दी है। अब 90 दिनों की जगह 180 दिनों में डिफॉल्ट लोन को नॉन परफार्मिंग असेट्स घोषित किया जाएगा।
बैंक, लोन की किस्तों में देरी के आधार पर किसी अकाउंट को स्टैंडर्ड, सब-स्टैंडर्ड और डाउटफुल तीन कैटेगरी में बांटते हैं। नए ऐलान के बाद 90 दिनों के डिफॉल्ट के बावजूद बैंक उस लोन अकाउंट को स्टैंडर्ड की कैटेगरी में रखेंगे।
पहले कोई ऐसी वजह जिसमें प्रमोटर कुछ नहीं कर सकता और इसके चलते किसी कंपनी के कमर्शियल ऑपरेशंस शुरू होने में देरी होने पर उस लोन को एक साल तक NPA में नहीं डाले जाने की सुविधा दी गई थी। अब यह सुविधा NBFC को भी दी जा रही है।
इसके अलावा बैंको को राहत देने के लिए RBI ने और भी कई फैसेल किये हैं। जिसमें शेड्यूल कमर्शियल बैंकों के लिए लिक्विड कवरेज रेशियो ( LCR ) 100 फीसदी से घटाकर 80 फीसदी कर दिया गया है। यानि बैंकों के पास अब 20 फीसदी कैश ज्यादा होगा। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हुआ। अक्टूबर 2020 तक इसे बढ़ाकर 90 फीसदी और अप्रैल 2021 तक इसे फिर से 100 फीसदी कर दिया जाएगा।
Updated on:
18 Apr 2020 07:35 am
Published on:
17 Apr 2020 05:47 pm
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