सुकन्या समृद्धि योजना पर हमें 7.6 फीसद का ब्याज मिलता है। वहीं, पीपीएफ पर सिर्फ 7.1 फीसद की ब्याज दर है। ब्याज दर हर चार महीने पर रिवाइज्ड होता है। जब पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में किसी एक को चुनना होता हो तो निवेशक को सुकन्या समृद्धि योजना को चुनना चाहिए, क्योंकि इस पर पीएफ की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है। अगर आप पीपीएफ में 15 साल तक इंवेस्टमेंट करते हैं तो वह आपको बेहतर विकल्प देगा, लेकिन इसलिए अपनी कमाई का एक हिस्सा पीपीएफ में भी निवेश जरूर करना चाहिए।
समझिए क्या है पीपीएफ:
पीपीएफ निवेश करने से आपको सरकारी गारंटी मिलती है। इसमें आपको टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत आप 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट ले सकते हैं। पीपीएफ अकाउंट की मेच्योरिटी 15 साल की होती है, लेकिन उसे 5-5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
समझिए सुकन्या समृद्धि योजना:
इसमें सालाना न्यूनतम 250 रुपये जमा किया जा सकता है। योजना के तहत सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना में अक्सर ब्याज की दर ज्यादा होती है। इसका कारण है कि यह स्कीम कविता जैसे माता-पिता को बेटी के भविष्य के लिए पैसा जुटाने को प्रोत्साहित करने के लिए है।