
Shaktikandas
नई दिल्ली। RBI 2019-20 Annual Report में साफ कर दिया गया है कि अगर देश में इंवेस्टमेंट रिफॉर्म ( Investment Reform ) पर ध्यान नहीं दिया गया तो देश की इकोनॉमी ( Indian Economy ) का आगे बढ़ पाना मुश्किल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस ( Coronavirus Crisis ) की वजह से देश में इकोनॉमिक एक्टीविटीज काफी कमी देखने को मिली हैै। जिसकी वजह से प्रोडक्शन और सप्लाई चेन ( Production And Supply Chain ) काफी प्रभावित हुई है। कॉस्ट कटिंग के कारण खर्च कम हो गए हैं और इंवेस्टमेंट बेहद कमजोर हो गया है। जिसकी वजह से रिपो्रट में इंवेस्टमेंट रिफॉर्म की बात कही गई हैै। अगर जल्द इसमें आगे काम नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में इकोनॉमी में सुधार मुमकिन नहीं है।
साढ़े 4 ट्रिलियन डॉलर निवेश की जरुरत
आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में में निवेश बढ़ाने और रिफॉर्म पर फोकस किया गया है। रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा है कि दूसरी तिमाही में भी आर्थिक गतिविधियों में कोरोना वायरस का असर देखने को मिलेगा। कोरोना वायरस की वजह से प्रोडक्शन और सप्लाई चेन दोनों में गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट के अनुसार इसे बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी खपत बढ़ाने की जरुरत है। इसी से आने वाले दिनों में रिकवरी देखने को मिल सकती है। रिजर्व बैंक ने निवेश के लिए रिफॉर्म को जरूरी बताया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि 2040 तक इंफ्रा में साढ़े 4 ट्रिलियन डॉलर निवेश की जरुरत बताई है।
कम हुई है आरबीआई की इनकम
रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में आरबीआई की कुल ग्रॉस इनकम 1.50 लाख करोड़ रुपए देखने को मिली है। जबकि पिछले साल समान अवधि के मुकाबले 1.95 लाख करोड़ रुपए थी। 30 जून तक आरबीआई के पास कुल जमा 11.76 लाख करोड़ रूपए थी। आरबीआई 2019-20 एनुअल रिपोर्ट में कहा है कि इस अवधि में शहरी इलाकों की खपत में गिरावट दिखी है। शहरों के मुकाबले ग्रामीण मांग बेहतर रही है। खपत सुधरने और स्थितियां सामान्य होने में समय लगेगा। प्रवासी संकट और रोजगार घटने से ग्रोथ पर असर पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले की तरह डिमांड लौटने में समय लगेगा।
Updated on:
25 Aug 2020 05:01 pm
Published on:
25 Aug 2020 01:38 pm
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