
RBI ने बैंकों की लगार्इ फटकार, पूछा-SWIFT की खामियों को अब तक क्यो नहीं किया गया दूर
नर्इ दिल्ली। इसी साल फरवरी माह में देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करीब 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। इस घोटाले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी आैर मेहुल चोकसी ने बैंकिंग सिस्टम की एक खास खामी का फायदा उठाते हुए पीएनबी को अब तक का सबसे बड़ा चूना लगाया था। इन दोनों आरोपियाें ने SWIFT मैसेजिंग सेवा का फायदा उठाकर बैंक से पैसे लिए थे। अब भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्इ बैंकों के प्रमुखों को लेटर लिखकर पूछा है कि अब तक SWIFT की खामियों को क्यो नहीं दूर किया गया है?
रिजर्व बैंक ने सिस्टम में सुधार करने के लिए बैंकों को दिया था निर्देश
बताते चलें कि बैंकिंग प्रणाली में SWIFT मैसेजिंग सिस्टम एक इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम है जिसका इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। पीएनबी घोटाले में इसी सिस्टम के दुरूपयोग के बारे में पता चलने के बाद से ही रिजर्व बैंक ने सभी बैंकाें के सीर्इआे को एक गोपनीय एडवाइजरी जारी कर SWIFT मैसेजिंग सिस्टम में सुधार करने के निर्देश दिए थे। आरबीआर्इ के इस निर्देश के 6 माह बाद भी कर्इ बैंकों ने अब तक इस सुधार को लागू नहीं किया है जिसपर आरबीआर्इ ने सफार्इ मांगी है।
घाेटाले के बाद बैंकों को चुकानी होगी कीमत
दरअसल पीएनबी बैंक घोटाले में नीरव मोदी व मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों से अवैध लेटर आॅफ अंडरटेकिंग जारी करने के लिए इस खास मैसेजिंग नेटवर्क का प्रयोग किया था। इस मामले से जुड़े जानकारों का मानना है कि अगस्त माह के अंत में 'कारण बताआें लेटर' में केंद्रीय बैंक ने करीब 25 बैंकों में खामी की बात का जिक्र किया है। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि बैंकों में एक हद तक का मानसिक विक्षेप है अौर बड़े लेनदेन के लिए 2 स्टेप वेरिफिकेशन को लागू करने को कहा गया है। हालांकि इससे कुछ बैंकों की कार्यप्रणाली धीमी हो सकती है लेकिन इतने बड़े घोटाले के बाद अपको इसकी कीमत चुकानी होगी।
Updated on:
06 Sept 2018 08:26 am
Published on:
05 Sept 2018 04:12 pm
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