
RBI Board approved transfer of Rs 57128 crore as surplus to Government
नई दिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020 के लिए केंद्र सरकार ( Government of India ) को 57,128 करोड़ रुपए की बकाया राशि हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ( RBI Governor Shaktikanta Das ) की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई 584 वीं बैठक में लिया गया।
आरबीआई देगा केंद्र को 57 हजार करोड़
बैठक में बोर्ड ने मौजूदा आर्थिक स्थिति की समीक्षा की। साथ ही बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के साथ ही कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए मौद्रिक, नियामक और अन्य उपायों की भी समीक्षा की। बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020 के लिए केंद्र सरकार को 57,128 करोड़ रुपए की अधिशेष राशि हस्तांतरित करने की मंजूरी देने के साथ ही इमरजेंसी रिस्क स्टोर को भी 5.5 फीसदी पर बनाए रखने का निर्णय लिया है।
6.62 लाख करोड़ का राजकोषीय घाटा
इससे पहले केंद्रीय बजट में सरकार ने रिजर्व बैंक और राज्य-संचालित वित्तीय संस्थानों से लाभांश के रूप में 60,000 करोड़ रुपए का बजट रखा था। रिज़र्व बैंक की ओर से यह पुश ऐसे समय में आया है जब सरकार को अप्रैल-जून की अवधि में 6.62 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड उच्च राजकोषीय घाटा देखने को मिला है। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल उधार का एक संकेत है जब राजस्व संग्रह व्यय में कमी आती है। इसके अलावा, केंद्रीय बोर्ड ने अपनी बैठक में एक इनोवेशन हब स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की।
ऐसे निकाला जाता है आरबीआई का शुद्घ लाभ
आरबीआई अधिनियम 1934 के अनुसार सरप्लस फंड का आवंटन रिजर्व बैंक द्वारा अपने परिचालन से किए गए किसी भी मुनाफे के लिए केंद्र को दिया जाता है। आरबीआई मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री से मिलने वाले ब्याज से लाभ कमाता है, बैंकों से उधार लेकर अर्जित ब्याज और खुले बाजार के सिद्धांतों पर अर्जित बॉन्ड होल्डिंग्स पर ब्याज अर्जित करता है। इससे शुद्ध लाभ की गणना आरबीआई अधिनियम के अनुसार संचालन व्यय और अन्य खर्चों को घटाकर की जाती है।
Updated on:
14 Aug 2020 07:16 pm
Published on:
14 Aug 2020 07:13 pm
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