
नई दिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के लोगों को नए साल का तोहफा दे दिया है। बैंक ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से होने वाली शॉपिंग पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में बदलाव की घोषणा की है। रिजर्व बैंक का ये बदलाव 1 जनवरी से लागू होगा। नए नियम के बाद छोटे कारोबारियों को ट्रांजैक्शन पर अब कम एमडीआर चार्ज देना होगा। जिसका फायदा ग्राहकों को भी मिलेगा।
क्या होता है एमडीआर चार्ज
एमडीआर वह चार्ज है, जो बैंकों की ओर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड सर्विसेज उपलब्ध कराने के एवज में कारोबारियों से वसूला जाता है।
इन्हें मिलेगी राहत
जिन कारोबारियों का सालाना 20 लाख रु से ज्यादा टर्नओवर है उन्हें अब पीओएस मशीन से पेमेंट लेने पर अब बैंकों को प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 0.90 फीसदी मर्चेंट डिसकाउंट रेट ही देना होगा। इसी तरह QR के माध्यम से पेमेंट लेने पर ऐसे कारोबारियों को बैंकों को अब अधिकतम 0.80 फीसदी MDR ही देना होगा। वहीं जिनका टर्नओवर सालाना 20 लाख रु से कम है उन्हें प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन से पेमेंट लेने पर बैंकों को प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 0.40 फीसदी एमडीआर ही देना होगा। इसी तरह QR के माध्यम से पेमेंट लेने पर ऐसे कारोबारियों को अब अधिकतम 0.30 फीसदी MDR ही बैंकों को देना होगा।
सस्ती होगी शापिंग
आरबीआई ने इसके लिए एक स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया कि हाल के दौर में पीओएस पर डेबिट कार्ड से लेनदेन में काफी तेजी दर्ज की गई है। केंद्रीय बैंक ने कहा, 'गुड्स और सर्विसेज की खरीद के लिए मर्चैंट्स के व्यापक नेटवर्क पर डेबिट कार्ड की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए मर्चैंट्स की कैटेगरी के आधार पर डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस पर लागू मर्चैंट्स डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के फ्रेमवर्क में बदलाव किया गया है। आरबीआई ने ये फैसला बैंकों के मद्देनजर भी किया है ताकि बैंक डेबिट कार्ड के चलन को और बढावा दे सकें।
Published on:
07 Dec 2017 11:54 am
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