
देश में हर दिन घट रही ATM की संख्या, पिछले दो सालों में गायब हुईं 597 एटीएम मशीनें
नई दिल्ली। देश में एक ओर जहां डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं, हर दिन देश में एटीएम ( ATM ) की संख्या में गिरावट आ रही है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( reserve bank of india ) ने रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का नाम 'बेंचमार्किंग इंडिया पेमेंट सिस्टम' है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2017 के मुकाबले 2019 में एटीएम की संख्या में काफी कमी आई है।
2019 में कम हुए 597 एटीएम
जानाकारी के मुताबिक, 2019 में 597 एटीएम कम हो गए हैं। साल 2017 के आखिर में एटीएम की संख्या 2,22,300 थी। वह 31 मार्च 2019 तक घटकर 2,21,703 रह गई है। आरबीआई ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में एक ओर जहां खाता खुलवाने वालों की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, एटीएम की संख्या में हर साल कमी आती जा रही है।
एटीएम लगने की स्पीड में नहीं है कोई कमी
आपको बता दें कि रिपोर्ट में यह भी निकलकर आया है कि भारत में जितना कैश सर्कुलेशन में होता है उसके हिसाब से एटीएम का इस्तेमाल काफी कम है। फिलहाल भारत में एटीएम की संख्या में भले कमी आ रही हो लेकिन 2012 से 2017 के बीच इनके लगने की स्पीड में भारत सिर्फ चीन से पीछे था।
स्टडी में हुआ खुलासा
स्टडी में पता चला है कि छह सालों के बीच (2012 से 2017) एटीएम की संख्या लगभग डबल हो गई थी। 2012 में 10,832 लोगों पर एक एटीएम था वहीं 2017 में 5,919 लोगों पर एक एटीएम हो गया। हालांकि, एटीएम की बढ़ती गिनती को अगर जनसंख्या के हिसाब से देखा जाएगा तो इसका ग्रोथ रेट कम ही है।
पैसै निकालने के लिए होना पड़ता है परेशान
एटीएम लगाने के मामले में चीन के बाद भारत का दूसरा नंबर है। 2012 से 2017 तक देश में एटीएम की सालाना ग्रोथ रेट 14 फीसदी रही है। एटीएम लगाने में भारत ने भले ही प्रगति की हो लेकिन जनसंख्या के मुकाबले एटीएम की तादात अभी भी कम है। अभी भी भारत के लोगों को और ATM की जरूरत है क्योंकि भारत में अभी भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां लोगों को पैसे निकालने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है।
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Published on:
08 Jun 2019 04:52 pm
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