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बजट 2020 के बाद आरबीआई को महंगाई की चिंता, नहीं कम होंगी ब्याज दरें

आज आरबीआई की एमपीसी नीतिगत दरों की करेगी घोषणा ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव ना होने के संकेत जीडीपी दर घटकर एक दशक के निचले स्तर पर आने का अनुमान

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RBI recruitment 2020

RBI recruitment 2020

नई दिल्ली। बजट 2020 में आरबीआई और देश की तमाम सरकारी आर्थिक इकाईयों की नजरें इस बात पर थी सरकार लोगों को खर्च करने के लिए कंजंप्शन बढ़ाने के लिए किस तरह के उपाय करती है, लेकिन उन्हें इस बजट से निराशा ही हाथ लगी। अब समस्या ये है कि उन इकाईयों पर कंजंप्शन बढ़ाने और देश के लोगों की जेबों से रुपया निकलवाने का जिम्मा आ गया है। इन इकाईयों में सबसे बड़ा नाम भारतीय रिजर्व बैंक का है। जो आल मौद्रिक समीक्षा की बैठक के आखिरी दिन ब्याज दरों का ऐलान करेगी। जानकारों की मानें तो आज जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में दर में किसी तरह के बदलाव होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आरबीआई को महंगाई की चिंता में डूबी हुई है। वहीं गिरती जीडीपी भी चिंता विषय बनी हुई है। इसका कारण ये है कि देश की जीडीपी 10 साल के निचले स्तर पर जाने की भी घोषणा हो सकती है।

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एचडीएफसी बैंक के इकोनॉमिस्ट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बजट घोषणाओं की प्रकृति मुद्रास्फीतिक नहीं है और रिजर्व बैंक जून की मौद्रिक समीक्षा में पॉलिसी दरों को कम कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार मौद्रिक नीति समिति 6 फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव करने के मूड में नहीं है। वहीं चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर भी घट सकती है, जिसके एक दशक के निचले स्तर 5 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है।

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इस बार एमपीसी के सामने कई चुनौतियां हैं। महंगाई का मोर्चा सबसे बड़ा है। जिसे कम करने की जिम्मेदारी भी उसी पर आ गई है। जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने की चुनौती भी आरबीआई को झेलनी पड़ेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि आरबीआई इस पर क्या फैसला देगी। आपको बता दें कि आरबीआई ने बीती बैठक से पहले लगातार 5 बार नीतिगत दरों को कम किया था।