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पंचवर्षीय रोडमैप का भी एक हिस्सा
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दीर्घावधि अनुबंधों के जरिए रूस से कच्चे तेल की प्राप्ति, गैर-ओपेक देशों से देश में कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधिता से जुड़ी भारतीय रणनीति का एक हिस्सा है। इसके साथ ही यह हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए पंचवर्षीय रोडमैप का भी एक हिस्सा है, जिस पर पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
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मिलेगी काफी मदद
मंत्रालय ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी द्वारा कच्चे तेल के आयात के लिए एक नए स्रोत के रूप में रूस को शामिल करने से भू-राजनीतिक व्यवधान के कारण उत्पन्न होने वाले जोखिमों में कमी लाने में काफी मदद मिलेगी और नई व्यवस्था से भारत में मूल्य संबंधी स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
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मांग में काफी वृद्धि
मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि देखी जा रही है। लिहाजा, इस नए कदम से अन्य पीएसयू तेल परिशोधन कंपनियों को भी रूस से कच्चे तेल के आयात के लिए इसी तरह के सावधि अनुबंध करने के अवसर मिलेंगे। दोनों पक्षों ने आपस में संयोजित प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, जिसमें रूस की पूर्वी क्लस्टर परियोजनाओं में भारतीय निवेश के लिए रोडमैप तैयार करना भी शामिल है।