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घाटा होने की वजह से वोडाफोन ने बंद की एम-पेसा की फंक्शनिंग, आरबीआई ने रद्द किया का आवंटन सर्टिफिकेट

कंपनी के स्वेच्छा से प्रमाणपत्र सौंपे जाने के बाद आरबीआई ने की कार्रवाई सीओए रद्द होने के बाद कंपनी प्रीपेड भुगतान से जुड़े कार्य नहीं कर सकेगी मार्च 2019 तक भुगतान बैंकों को हो चुका है 626.8 करोड़ रुपए का नुकसान

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Vodafone M-Pesa

नई दिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) ने मंगलवार को वोडाफोन एम-पेसा को आवंटित अथराइजेशन सर्टिफिकेट ( COA ) को रद्द कर दिया है। कंपनी के स्वेच्छा से प्रमाणपत्र सौंपे जाने के बाद इसे रद्द किया गया है। आरबीआई ने कहा कि सीओए रद्द होने के बाद कंपनी प्रीपेड भुगतान से जुड़े कार्य नहीं कर सकेगी। जानकारों की मानें तो कंपनी को लॉस होने की वजह से ऐसा निर्णय लिया है।

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हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि ग्राहक या व्यापारी कंपनी पर पीएसओ के रूप में वैध दावा रखते हैं और कंपनी से 30 सितंबर, 2022 तक संपर्क कर सकते है। वे अपने दावों का निपटारा, रद्द करने की तारीख से तीन सालों के भीतर कर सकते हैं।

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आरबीआई ने कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक ने अथराइजेशन सर्टिफिकेट (सीओए) को वोडाफोन के लिए पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर को रद्द कर दिया है। आरबीआई ने ऐसा पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट 2007 के तहत मिली शक्तियों के तहत किया है।"

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हाल ही में, आरबीआई ने अपनी 'ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ़ बैंकिंग इन इंडिया' रिपोर्ट में कहा कि भारतीय भुगतान बैंकों ( PBs ) ने वित्तीय वर्ष 2018 में 512 करोड़ रुपए से अपने कुल घाटे में 21 फीसदी का इजाफा किया है। जो बढ़कर 31 मार्च 2019 को 626.8 करोड़ रुपए हो गया है। इस वजह से भी कंपनी ने अपने एम पैसा को बंद करने का निर्णय लिया है।