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जब चुनाव प्रचार के दौरान आमने-सामने आ गए भाजपा-कांग्रेस समर्थक, देखें वीडियो

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस के समर्थक आमने-सामने आ गए। ये देख पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए।

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BJP-Congress Rally

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फिरोजाबाद। जिले में नगर निकाय चुनाव के लिए सोमवार शाम पांच बजे प्रचार थम जाएगा। इससे पहले सभी दल के प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। प्रचार थमने से पहले हर कोई अपने साथ जनसमूह लेकर सड़कों पर निकल पड़ा। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी और उनके समर्थक आमने-सामने आ गए। भाजपाइयों ने हूटिंग शुरू की लेकिन रैली में शामिल कैबिनेट मंत्री ने हंसते हुए कोई भी टीका टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इस दौरान पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए। एक बार को तो ऐसा लगने लगा था कि दोनों ओर से झगड़ा न शुरू हो जाए।

वापस आ रही थी भाजपा प्रत्याशी की रैली
टूंडला नगर पालिका के लिए अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रामबहादुर चक की रैली में कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल सबसे आगे चल रहे थे। उनके पीछे पार्टी कार्यकर्ता और भाजपा समर्थक हाथों में चुनाव चिन्ह लेकर लहराते हुए आ रहे थे। इसी दौरान सुभाष चौराहा से एटा रोड की ओर कांग्रेस प्रत्याशी हरीशचन्द्र माहौर के समर्थक पंजे का निशान लेकर चल रहे थे। तभी दोनों पार्टियों के समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस समर्थक प्रत्याशी की जय-जयकार करने लगे तो भाजपा समर्थक अपने प्रत्याशी की जय-जयकार कर रहे थे। इस दौरान दोनों का काफिला अगल-बगल में होकर निकल रहा था। तभी ऑटो पर सवार एक भाजपा समर्थक ने हूटिंग शुरू कर दी।

कैबिनेट मंत्री ने कार्यकर्ताओं दी हिदायत
जुलूस के दौरान पुलिसकर्मी भी साथ चल रहे थे। एटा रोड पर जैसे ही भाजपा कार्यकर्ता ने हूटिंग शुरू की वैसे ही कैबिनेट मंत्री ने बात को हंसकर टाल दिया और पार्टी पदाधिकारियों को हिदायत दी कि शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव प्रचार करें। किसी प्रकार की हूटिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग ये सोचने लगे कि कहीं दोनों पार्टिंयों के समर्थक आमने-सामने न आए जाएं। जिससे नगर की शांति व्यवस्था भंग हो जाए। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी ने भी समर्थकों को चुपचाप चलने की हिदायत दी। जब तक दोनों पार्टियों के जुलूस आगे नहीं निकल गए पुलिसकर्मी नजरें बनाए रहे।

टकराव होने से बचा
दोनों ही पार्टियों की रैली में सीनियर नेता भी शामिल थे। जिन्होंने जुलूस से पहले ही कार्यकर्ताओं को हिदायत दे दी थी। जिससे टकराव होने से बच गया। नारेबाजी के साथ जुलूस आगे के लिए रवाना हो गया।