बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो गईं और वोटरों को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे कर रही हैं। पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और ताबड़तोड़ रैलियां एवं जनसभाएं कर रहे हैं।
वहीं, राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर विवाद गहराता जा रहा है। इस बीच देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार शनिवार को यूपी के फिरोजाबाद जिले में पहुंचे, जहां उन्होंने दावा किया कि बिहार में निष्पक्ष मतदाता सूची और चुनाव होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना आवश्यक है। बिहार में 1 जनवरी 2003 को वोटिंग लिस्ट का गहन पुनरीक्षण हुआ था। उस समय जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट में जुड़ा था, उनकी पात्रता की जांच की गई थी। नियमों के अनुसार, पात्रता के लिए आप भारत के नागरिक हों, आपकी उम्र 18 साल हो, और जिन पोलिंग बूथ के आसपास रहते हैं, वहां की वोटिंग लिस्ट में आपका नाम हो।
उन्होंने कहा कि चुनावों के बाद चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के साथ संपर्क करने का निर्णय लिया, क्योंकि पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों ने वोटिंग लिस्ट पर सवाल उठाए थे। बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची बनाने को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब में ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव, कानून और संविधान के हिसाब से ही होगा।
ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने पर कहा कि जो भी भारतीय संविधान के मानकों में पात्रता रखता है, वो सभी वोटर होंगे, उसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर सभी दलों से बातचीत चल रही है। हम सभी शंकाओं को दूर करके पारदर्शी चुनाव कराएंगे। बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने फिरोजाबाद में माथुर वैश्य महासभा के सम्मान समारोह कार्यक्रम में शिरकत की, जहां समाज के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
Updated on:
06 Jul 2025 10:08 am
Published on:
06 Jul 2025 10:07 am