11 मई, 1998 को पाकिस्तान के हैदराबाद जिले के लतीफाबाद से इश्तियाक खान अपनी पत्नी सलीका, बेटी फौजिया(17), रोजी और बेटे फारुख के साथ फीरोजाबाद आया था। 90 दिन के वीजा पर आया परिवार टीला मोहल्ला में रिश्तेदार के घर ठहरा। नियत समय पर पाकिस्तान रवानगी से पहले इश्तियाक गायब हो गया। एलआइयू ने तलाश शुरू की। लगभग एक दशक तक पुलिस को भनक तक नहीं मिली। 2012 में पता चला कि लापता पाकिस्तानी परिवार बिजनौर में है। पुलिस जब तक वहां पहुंचती, परिवार रुड़की पहुंच गया। 3 सितंबर, 2012 को एलआइयू ने रुड़की से परिवार को पकड़ लिया, मगर तब तक इश्तियाक की मौत हो चुकी थी। इश्तियाक की पत्नी सलीका, बेटे फारुख और रोजी पकड़े गए, लेकिन फौजिया का पता नहीं चला। एलआइयू को जानकारी हुई कि फौजिया शहर में रहने वाले रिजवान नाम के शख्स के साथ निकाह कर मुम्बई भाग गई है, मगर उसका पता नहीं खोजा जा सका।
जयपुर के रास्ते आगरा आते पकड़ी गई
शुक्रवार की सुबह एलआइयू इंस्पेक्टर आरएस मीना को मुखबिर से सूचना मिली कि 20 साल से गायब चल रही फौजिया जयपुर के रास्ते आगरा आ रही है। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए जाने के बाद फौजिया के पीछे टीम दौड़ पड़ी, मगर तब तक वह आगरा से निकल चुकी थी। इसी बीच उसका मोबाइल नंबर हासिल हो गया और सुराग लगाते हुए पुलिस धौलपुर पहुंच गई। वहां एक रिश्तेदार के घर से फौजिया को हिरासत में ले लिया गया। इंस्पेक्टर मीना ने बताया कि फौजिया के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 ए के तहत दक्षिण थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जहां से उसे जेल भेजा जा रहा है। फौजिया को गिरफ्तार करने वाली टीम में सब इंस्पेक्टर सरोज कुमारी, रंजीत सिंह, राजकुमार सिंह शामिल रहे।