नसीरपुर थाना क्षेत्र का है मामला
थाना नसीरपुर के गांव रुधऊ निवासी अजब सिंह ने पहली पत्नी निर्मला की मृत्यु के बाद दूसरी शादी सुमित्रा से कर ली थी। निर्मला से एक पुत्र मानिकचंद था। दूसरी पत्नी से पांच संतानें दो लड़के और तीन लड़कियां हैं। जिनमें से दो लड़कियों को छोड़कर बाकी सभी की शादी हो चुकी है।
18 वर्षीय मृतका विशाखा परिवार में सबसे छोटी थी। वह गांव के एसबीएस इंटर कॉलेज में दसवीं की छात्रा थी। युवती की मां सुमित्रा के अनुसार सोमवार रात को अजब सिंह, मानिक चंद और युवती का चाचा बर्फ सिंह पुत्र विद्याराम घर में मीट बना रहे थे। तीनों नशे में धुत्त थे। विशाखा के सौतेले भाई मानिक चंद ने उसके बर्तन में मीट डाल दिया। विशाखा का सोमवार का व्रत था, उसने इसका विरोध किया।
तीनों ने आग बबूला होकर विशाखा को बुरी तरह पीटा। उसे पीट पीटकर अधमरा कर कमरे में छोड़कर तीनों चले गए। विशाखा ऊपर कमरे में थी और उसकी मां नीचे सो रही थी। सुबह पांच बजे जब सुमित्रा की आंख खुली तो बेटी को फंदे से लटका हुआ देखकर उसके होश उड़ गए। इतनी ही देर में तीनों आरोपित विशाखा का शव जलाने के लिए खेतों पर ले गए।
यह सब देख सुमित्रा भागकर थाने पहुंची। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले आरोपित विशाखा के शव को आग के हवाले कर चुके थे। आनन फानन में पुलिस ने शव को जलती लकड़ियों के बीच से निकाला। शव बीस फीसद तक जल चुका था। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में पुलिस का कहना है कि विशाखा ने पिटाई से क्षुब्ध होकर आत्महत्या की है। पुलिस की बात किसी के गले नहीं उतर रही है।
मृतका के बाबा गीतम सिंह का कहना है कि आॅनर किलिंग के चलते उसकी हत्या हुई है। विशाखा के किसी से संबंध थे इसलिये इज्जत की खातिर उसे मार डाला। इधर, मृतका की मां सुमित्रा की ओर से थाने में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनमें अजब सिंह, गीतम सिंह, सोराज सिंह, मानिक चंद, राकेश और राजेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। एसएसपी सचिन्द्र पटेल का कहना है कि मामला संज्ञान में है। मामले की जांच एसपी देहात महेन्द्र सिंह कर रहे हैं।