करीब पांच सौ लीटर दूध बहा सड़कों पर जिले भर के अलग-अलग हिस्सों में दूधियों ने मनमाने तरीके से दूध के दाम तय किए जाने को लेकर विरोध जताया। दूधियों ने करीब पांच सौ लीटर से अधिक दूध सड़क पर बहा दिया। दूध विक्रेताओं का कहना है कि गांव-गांव घूमकर 35 रूपए लीटर दूध लेकर आते हैं और उसे 50 रूपए लीटर के हिसाब से बाजार में बेचते हैं। डेयरी संचालक अब मनमाने तरीके से दूध के दाम तय तर रहे हैं। डेयरी संचालक दूधियों को सही रेट नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से दूधियों का परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया है। यही हालत रही तो दूधियों का परिवार पाई-पाई को मोहताज हो जाएगा।
35 से कर दिया 25 रूपए लीटर माधव डेयरी के नाम से चिलिंग प्लांट चला रहे संचालक प्रमोद कुमार का कहना है कि बड़ी कंपनियां हमारे यहां से दूध लेती हैं। उन्होंने नौ दिसंबर से दूध के रेटों में कमी कर दी है। पहले 35 रूपए लीटर दूध लिया जाता था और अब 25 रूपए लीटर के हिसाब से दूध लिया जा रहा है। इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। सर्दियों के मौसम में दूध का उत्पादन बढ़ जाता है। इसकी वजह से दूध के दामों में भी कमी आई है। हर वर्ष एक या दो रूपए कम होते थे लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही रेट कम हो गए हैं। इसकी वजह से दूधिया आंदोलन पर उतारू हो गए।
फैला देंगे लेकिन डेयरी पर नहीं देंगे दूध विक्रेता रामदीन का कहना है कि जब तक दूध के रेट सही नहीं किए जाएंगे। तब तक वह किसी भी कीमत पर डेयरी संचालकों को दूध नहीं देंगे। वह दूध सड़क पर फैलाना मंजूर करेंगे लेकिन डेयरी संचालकों को दूध देना अब मुमकिन नहीं है। दूध न मिलने से डेयरी संचालक भी परेशान हो गए हैं। डेयरी संचालक दूधियों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनका कारोबार दोबारा से शुरू हो सके।