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बांग्लादेश में आतं​की हमले के दौरान मारी गई यूपी की बेटी को तीन साल बाद मिला इंसाफ

एक जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट में हुए आतंकी हमले के दौरान मारी गई थी फिरोजाबाद की तारिषी।

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Tarishi with father

Tarishi with father

फिरोजाबाद। एक जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट में हुए आतंकी हमले के दौरान यूपी के फिरोजाबाद की रहने वाली 19 वर्षीय बेटी तारिषी जैन भी मारी गई थी। हमला करने वाले सात आतंकियों को अब मौत की सजा सुनाई गई है। तीन साल बाद आतंकियों को सुनायी गई मौत की सजा से तारिषी को इंसाफ तो मिल गया, लेकिन उसको खोने का जख्म कभी नहीं भर पाएगा। सुहागनगरी के लोग चाहकर भी एक जुलाई 2016 का दिन कभी नहीं भूल पाएंगे।

छुट्टियां बिताने गई थी बांग्लादेश
तारिषी के पिता संजीव कुमार जैन बांग्लादेश में कपडे का व्यापार करते थे। तारिषी अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रही थी और छुट्टियां बिताने बांग्लादेश आयी हुई थी। एक जुलाई 2016 को वो दोस्तों के साथ ढाका के हाई प्रोफाइल इलाके गुलशन रोड के एक रेस्टोरेंट में गई थी। वहां आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमला कर दिया था। इस दौरान आतंकियों ने वहां लोगों को बंधक बना लिया।

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मरने से पहले फोन पर बताया था हाल
आतंकियों द्वारा बंधक रहने के दौरान तारिषी ने अपने पिता को फोन करके रेस्टोरेंट का भयानक हाल बताया था। तारिषी ने अपने आखिरी कॉल में कहा था कि मैं और मेरे दोस्त टॉयलेट में छिपे हैं। बाहर फायरिंग चल रही है। वे हमें भी एक-एक कर मार डालेंगे। हम सभी दीवार से लगकर खड़े हैं। इस कॉल के बाद जब तारिषी का फोन मिलाया गया तो उधर से किसी का कोई जवाब नहीं आया।

कुरान की आयतें सुन रहे थे आतंकी
आतंकियों ने करीब 40 लोगों को बंधक बनाया था। वे उनसे कुरान की आयतें सुन रहे थे। आयतें सुनाने वाले 18 लोगों को उन्होंने छोड़ दिया था। नहीं सुनाने वाले लोगों को चाकू से गला रेतकर मार डाला था।

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बेटी की मौत के बाद भारत आ गए पिता
तारिषी की मौत से टूट चुके पिता संजीव कुमार जैन घटना के बाद गुरुग्राम आकर बस गए। हालांकि उनका कारोबार अब भी बांग्लादेश में संचालित है। तारिषी के चाचा, ताउ का परिवार आज भी सुहाग नगरी में रहता है। इस घटना के बाद फिरोजाबाद में कई दिनों तक कैंडिल मार्च के जरिए शोक मनाया गया। शहर के जन प्रतिनिधियों से लेकर शहर के तमाम प्रमुख लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी थी। आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाए जाने की खबर मिलने के बाद तारिषी के ताउ राजीव जैन का कहना है कि ये ठीक है कि आतंकवादियों को मौत की सजा मिली है, लेकिन हमारी बच्ची के जाने का गम इससे कहीं अधिक बड़ा है।