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Moong Dal Roti: बीमारों के लिए संजीवनी बूटी होती है मूंग दाल की रोटी, जानिए कैसे खाएं

locationजयपुरPublished: Jun 09, 2023 05:55:47 pm

Submitted by:

Anil Kumar

सात्विक-संयमित भोजन नहीं करने से मोटापा, शुगर, अपच, हृदय रोग, कैंसर जैसे रोग पैदा होने लगते हैं।

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Moong Dal Roti

Moong Dal Roti : स्वस्थ रहने का बेहतरीन फॉर्मूला है संयमित और अनुशासित भोजन। हैल्दी शरीर के लिए भोजन करते समय मन, वचन और शरीर को मर्यादित रखना चाहिए। प्राचीन इतिहास और वर्तमान में मेडिकल साइंस भी यही कहता है कि मनुष्य को मर्यादित (संयमित), मौनपूर्वक, बैठकर और एकांत में भोजन करना चाहिए।
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सात्विक भोजन यानी अच्छी हैल्थ
सात्विक भोजन मनुष्य के शरीर के लिए पौष्टिक और गुणकारी होने के साथ शरीर में होने वाले कीटाणुओं और रोगों से लडऩे की ताकत देता है। अधिक मिर्च-मसाले से बना भोजन स्वादिष्ट तो हो सकता है पर शक्तिवर्धक नहीं। बीमार व्यक्ति को डॉक्टर दवाई के साथ सलाह देते हैं कि अधिक मात्रा में घी, शक्कर, तेल, मिर्च आदि का प्रयोग नहीं करें। मूंग की दाल रोटी (Moong Dal Roti), खिचड़ी, हरी सब्जी ज्यादा मात्रा में लें। सात्विक-संयमित भोजन नहीं करने से मोटापा, शुगर, अपच, हृदय रोग, कैंसर जैसे रोग पैदा होने लगते हैं।
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मौनपूर्वक भोजन बनाएगा फिट
मौनपूर्वक भोजन पाचक होता है। जिससे गुस्सा शांत होता है और व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है। साथ ही मन, वचन और काया स्थिर रहती है।

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बैठकर भोजन करने के लाभ
बैठकर भोजन करने से व्यक्ति को मोटापा नहीं आता और आंतों में सूजन नहीं होती। भोजन करते समय रक्त का प्रवाह अधिक होता है। बैठकर भोजन करने से खून का प्रवाह शरीर में समान रूप से प्रवाहित होता है। बैठकर भोजन करने से भोजन शरीर के अनुपात मात्रा में जाता है और पचने में भी आसानी होती है। इससे शरीर को थकान महसूस नहीं होती, जिससे लोग खाने को आराम से चबाकर खा सकते है।
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एकांत में भोजन देता है मानसिक शांति
दीर्घायु पाने के लिए हमेशा एकांत में और शांत होकर भोजन करना चाहिए। ज्यादा लोगों के साथ सामूहिक भोज में अनेक व्यक्ति एक साथ भोजन करते हैं, जिनके विचार भी अलग-अलग होते हैं। उन सब विचारों का असर भोजन और भोजन करने वाले व्यक्ति पर पड़ता है। किसी का तरीका हमें अच्छा तो किसी का बुरा भी लग सकता है। एकांत में भोजन की गुणवत्ता बढ़ जाती है। प्राचीन आचार्य-मुनियों के अनुसार भोजन की सात्विकता मनुष्य के शरीर को स्वस्थ और दीर्घ जीवन प्रदान करती है व स्वभाव को सरल, सहज, संयमित रखती है। जो मनुष्य जीवन को आनन्द से जीना चाहते हैं तो उनको सात्विक भोजन के साथ मौन, संयमित, एकांत और बैठकर भोजन करना चाहिए।

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