
Ragi
Properties of Ragi : रागी को अकसर इसके देशी नाम मड़ुआ से भी जाना जाता है। यह एक मोटा अनाज है जो अफ्रीका और एशिया के सूखे क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह अनाज एक वर्ष में पक कर तैयार होता है। इसकी मूज़ ज़मीन इथियोपिया के ऊँचे क्षेत्रों में पाई जाती है, जिसे कुछ चार हज़ार वर्ष पहले भारत में लाया गया था। यह पौधा ऊँचे क्षेत्रों में अच्छे से समझ़ा जाता है और हिमालय में 2300 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है।
अनेक आयुर्वेदिक ग्रंथों में मंडुआ (Ragi) के बारे में जानकारी दी गई है। मंडुआ या रागी का पौधा लगभग 1 मीटर तक की ऊँचाई तक पहुँच सकता है। इसके फल गोलाकार या चपटे और झड़दार होते हैं। मंडुआ के बीज गोलाकार और गहरे भूरे रंग के होते हैं और इन्हें झड़दार और एक ओर से चपटे होते हैं। इन्हें मड़वा या मंडुआ के रूप में भी जाना जाता है। इससे बना भोजन मोटापे और मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है।
रागी (Ragi) में अमीनो अम्ल मेथोनाइन पाया जाता है, जो कि स्टार्च की प्रधानता वाले भोज्य पदार्थों में नही पाया जाता। इसमें पोषक तत्वों की बात कि जाए तो प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज, केल्शियम अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप में एक प्रमुख चार अनाज है रागी (Ragi), जिसे मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तामिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में उगाया जाता है। यह एक परंपरागत खाद्य अनाज है जिसे स्वस्थ और पोषणशील माना जाता है। इसे विभिन्न प्रकार के भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि रोटी, दोसा, इडली और हेल्थी नॉट्स। रागी भरपूर अंतियोक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। इसकी ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में भी यह सहायक होता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। इसका सेवन करने से अनायास होने वाला संतुलित पोषण मिलता है और अनुजा स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।
वजन घटाने में कारगर
रागी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जो हमारी भूख को कंट्रोल कर करने में सहायक है जिससे हमारा वजन कम हो जाता है।
हड्डियों के लिए मददगार
रागी में अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है जो हमारी हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक होता है।
डायबिटीज
रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है।
पाचन तंत्र
रागी में फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाने और पेट को हेल्दी रखने में मददगार है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
03 Sept 2024 01:30 pm
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