
Food and supply corporation
केंद्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से 6 साल पहले गठित 'राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति लिमिटेड'आज भी ठेके पर चल रहा है। प्रदेश के 33 जिलों में जिला प्रबंधकों को छोड़कर 90 फीसदी से अधिक कर्मचारी ठेके पर लगे हुए हैं। इसमें से 100 से अधिक एक्स फौजी हैं जो भारतीय खाद्य निगम से आने वाले गेहूं को राशन की दुकानों पर पहुंचाते हैं। सरकार गोपनीय कार्य भी ठेकाकर्मियों से करवा रही है। जयपुर में जिला प्रबंधक व लेखाधिकारी को छोड़कर शेष 12 कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसी से आए हैं। जोधपुर में तो केवल जिला प्रबंधक ही सरकारी है, शेष 10 जने ठेके पर लगे हुए हैं।
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सरकार ने कम्पनी अधिनियम के अंतर्गत दिसम्बर 2010 में राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति लिमिटेड का गठन किया। निगम का काम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की वस्तुओं का उठाव, परिवहन व वितरण के अलावा गैर पीडीएस वस्तुओं की उपभोक्ताओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है। जनवरी 2012 से प्रदेश के 33 जिलों में जिला प्रबधंकों (नागरिक आपूर्ति) की नियुक्ति की। इसके अलावा एकाउंटेंट, कम्प्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क, चपरासी सहित तमाम तरह के कर्मचारी ठेके पर रखे गए। निगम को सहकारिता से इंस्पेटर लेने के लिए कहा गया, लेकिन स्वयं सहकारिता के पास कार्मिकों की कमी होने से सरकार ने राजस्थान एक्स सर्विसमैन कॉर्पोरेशन से एमओयू करके एक्स सर्विसमैन लेना शुरू किया। कम्प्यूटरकर्मी अन्य प्लसमेंट एजेंसी से लिए गए। कुल मिलाकर छह साल बाद भी प्रबंधकों के अलावा करीब 300 से अधिक कर्मचारी ठेके पर लगे हुए हैं।
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जोधपुर में केवल एक सरकारी आदमी
जिला रसद अधिकारी के अंतर्गत जोधपुर के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम में जिला प्रबंधक संदीप सिंह भाटी के अलावा सभी कर्मचारी ठेके पर हैं। कुल 12 पदों में से 10 पद भरे हुए हैं। एकाउंटेंट का पद खाली है। क्लर्क के दो पदों में से एक कार्यरत है। 5 एक्स सर्विसमैन को जूनियर कमिशण्ड ऑफिसर (अन्नपूर्णा, परिवहन, नॉन पीडीएस, गेहूं उठाव) लगाया गया है। दो कम्प्यूटर ऑपरेटर व दो चपरासी प्लसेमेंट एजेंसी के जरिए लगे हुए हैं।
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प्रदेश में राशन की दुकानों का विवरण
- 23491 राशन की दुकानें हैं प्रदेश में
- 19195 राशन की दुकानें निजी हैं
- 4296 दुकानें कॉ-ऑपरेटिव विभाग की हैं
- 4531 निजी दुकानें शहरी क्षेत्र में हैं
- 829 कॉ-ऑपरेटिव दुकानें शहर में हैं
- 14664 निजी दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में हैं
- 3467 कॉ-ऑपरेटिव दुकानें ग्रामीण क्षेत्र में हैं
Published on:
23 Mar 2017 06:35 pm
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