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ISL : हर साल संघर्ष करते दिख रहे हैं चैम्पियन

एटीके ने पहले संस्करण का खिताब जीता था। 2015 में वह खिताब बचाने के करीब पहुंचा, लेकिन चेन्नइयन एफसी के हाथों उसे हार मिली। चेन्नई की टीम ने बाद में खिताब जीता था।

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ISL : हर साल संघर्ष करते दिख रहे हैं चैम्पियन

नई दिल्ली। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) कभी भी मौजूदा चैम्पियन टीमों के प्रति उदार नहीं रहा है। 2014 में लीग की शुरुआत के बाद से सम्पन्न हुए बीते चार संस्करणों में कोई भी क्लब खिताब बचाने में सफल नहीं हो सका है। एटीके ने पहले संस्करण का खिताब जीता था। 2015 में वह खिताब बचाने के करीब पहुंचा, लेकिन चेन्नइयन एफसी के हाथों उसे हार मिली। चेन्नई की टीम ने बाद में खिताब जीता था।

आईएसएल में दो टीमों-एटीके और चेन्नइयन एफसी ने खिताब जीते हैं और आश्चर्यजनक तौर पर दोनों टीमें इस सीजन मे अपना पैर नहीं जमा सकी हैं। इस सीजन में अब तक कुल नौ मैच हुए हैं और दो पूर्व चैम्पियन ही ऐसी टीमें हैं जो जीत का खाता नहीं खोल सकी हैं।

चेन्नई ने नए सीजन की शुरुआत दो हार के साथ की है। उसे बेंगलुरू और गोवा के खिलाफ हार मिली है। एटीके ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। स्टीव कोपेल की टीम को पहले मैच मे केरला ब्लास्टर्स से हार मिली थी और फिर दूसरे मुकाबले में उसे नार्थईस्ट ने हराया था। यह टीम तो अब तक इस सीजन में एक भी गोल नहीं कर सकी है।

कोपेल ने कहा, "निश्चित तौर पर यह हमारी अपेक्षा के अनुरूप शुरुआत नहीं है। यह लीग 400 मीटर रेस की तरह है। ऐसे में हम वापसी की उम्मीद कर रहे हैं। हमारे पास अगले मैच से पहले कुछ दिन आराम के लिए हैं। दिल्ली के खिलाफ मैच हमारे लिए कठिन होगा। हम वापसी करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं।"

कोपेल ने नए सीजन के लिए अपनी टीम में बदलाव किया है और कई स्टार खिलाड़ी लेकर आए हैं। इनमें मैनुएल लेंजारोते (एफसी गोवा), कालू उचे (दिल्ली डायनामोज), जॉन जॉनसन (बेंगलुरू एफसी) और एवर्टन सांतोस (मुम्बई सिटी एफसी) प्रमुख है। हालांकि यह इंग्लिश कोच अब तक अपनी टीम को एक लड़ी में पिरो नहीं पाया है, ऐसे में इनकी टीम के आक्रमण में सामंजस्य की कमी दिख रही है।

कोपेल की टीमें हालांकि धीमी शुरुआत करती हैं और बाद में जाकर लय हासिल करती हैं। दिल्ली के खिलाफ जीत लीग के नए फेज के लिए उपयुक्त शुरुआत होगी और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि यह टीम आगे की दौड़ में फिसड्डी नहीं रह जाएगी।

चेन्नइयन एफसी के कोच जॉन ग्रेगोरी की अपनी अलग समस्याएं हैं। उनके लिए मिडफील्ड समस्या बनी हुई है। धनपाल गणेश का चोटिल होना एक समस्या है। उनकी गैरमौजूदगी में ग्रेगोरी ने जर्मनप्रीत सिंह और इसाक वैनमालसावमा के साथ शुरुआत की। बेंगलुरू के खिलाफ ये खेले। बाद में इसाक को गोवा के खिलाफ हुए मैच में अनिरुद्ध थापा से बदल दिया गया। जर्मनप्रीत और थापा को गोवा की आक्रमणपंक्ति ने रौंद दिया और इसी कारण यह टीम मैच 1-3 से हार गई।

ग्रेगोरी की एक और चिंता स्टार विंगर जेजे लालपेखलुवा का फार्म है जो शुरुआती दो मैचों में बिल्कुल लय में नहीं दिखे। ग्रेगोरी ने कहा, "मैं दबाव लेने के लिए तैयार हूं। मैं लीडर हूं और परिणाम लाना मुझ पर निर्भर करता है। टीम अच्छा खेले यह सुनिश्चि करना मेरा काम है। हमारे गले पर दो मुक्के पड़े हैं और इसी तरह के मुक्के एटीके के इंग्लिश कोच कोपेल पर भी पड़े हैं।"