हैट्रिक लगा केन ने बनाया मुकाबला एक तरफ़ा
केन ने मैच में हैट्रिक लगाई और अब इस विश्व कप में उनके पांच गोल हो गए हैं। केन विश्व कप में हैट्रिक लगाने वाले इंग्लैंड के तीसरे खिलाड़ी बने हैं। वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। केन इस विश्व कप में हैट्रिक लगाने वाले पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बाद दूसरे खिलाड़ी हैं।
शुरू से ही खेला आक्रमक
इंग्लैंड ने शुरू से ही मैच में अपना दबदबा बनाए रखा और पनामा को बैकफुट पर रखा। आठवें मिनट में ही इंग्लैंड के हिस्से कॉर्नर आया जिसे स्टोन्स ने हेडर के जरिए गोल में बदल इंग्लैंड के गोल करने के सिलसिले को शुरू किया। मैनचेस्टर सिटी के लिए खेलने वाले स्टोन्स का यह पहला अंतर्राष्टीय गोल है। मैच के 10वें मिनट में पनामा के अरमांडो कूपर को येलो कार्ड मिला जो टूर्नामेंट में उनका दूसरा येला कार्ड था और अब वह ट्यूनीशिया के खिलाफ तीसरे मैच में पनामा के लिए नहीं खेल पाएंगे। इंग्लैंड लगातार पनामा के घर में आक्रमण कर रही थी। इसी बीच 20वें मिनट में पनामा के खिलाड़ी फिडेल इस्कोबर ने बॉक्स के अंदर जेसे लिंगार्ड को गिराया जिस पर रेफरी ने इंग्लैंड को पेनाल्टी दी। 22वें मिनट में कप्तान केन ने इस पेनाल्टी को गोल में बदलकर इंग्लैंड को 2-0 से आगे कर दिया। केन इंग्लैंड के तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने किसी एक विश्व कप में तीन या उससे ज्यादा गोल किया है। इससे पहले रोजर हंट ने 1966 में और गेरी लिनेकर ने 1986 में इंग्लैंड के लिए तीन या उससे ज्यादा गोल किए थे। 36वें मिनट में लिंगार्ड ने स्टेरलिंग से मिली गेंद को नेट में डाल इंग्लैंड को 3-0 से आगे कर दिया। 1966 की विजेता यहीं नहीं रुकी। लगातार आक्रमण के बीच 40वें मिनट में उसे फ्री किक मिली और कीरान ट्रिपिर के इस शॉट को स्टोन्स ने हेडर से नेट में डाला इंग्लैंड का इस मैच में चौथा और अपना दूसरा गोल किया।
पनामा ने गोल करने के मौके गवाएं
सन् 1966 के विश्व कप के बाद से यह पहला मौका जब इंग्लैंड ने विश्व कप में चार गोल किए हैं। मैच के पहले हाफ के इंजुरी समय में इंग्लैंड को एक बार फिर पेनाल्टी मिली जिस पर केन ने मैच का अपना दूसरा और टूर्नामेंट का चौथा गोल कर इंग्लैंड के गोलों की संख्या 5-0 तक पहुंचा दिया। विश्व कप के इतिहास में यह पहली बार है जब इंग्लैंड ने पांच गोल किए हैं। दूसरे हाफ में 62वें मिनट में केन ने गोल कर अपनी हैट्रिक पूरी की और इंग्लैंड के गोलों की संख्या छह कर दी। अपना पहला विश्व कप खेली रही पनामा ने गोल करने के ऐतिहासिक मौके ढूंढने शुरू कर दिए। पनामा को आखिरकार यह मौका तब मिला जब 37 साल के फेलिपे बालोय ने 78वें मिनट में गोल किया। विश्व कप में पनामा का यह पहला गोल है।