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रेजर पहला स्मार्टफोन 1 नवंबर को लॉन्च करेगी

रेजर 1 नवंबर को भारत में अपना पहला स्मार्टफोन लॉन्च करने के लिए तैयार है।

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Jameel Ahmed Khan

Oct 16, 2017

Razer Smartphone

razer Smartphone

सैन फ्रासिंस्को। स्मार्टफोन निर्माता कंपनी नेक्स्टबिट के अधिग्रहण के बाद गेमिंग लैपटॉप और कंप्यूटर से जुड़े उत्पाद बनाने वाली कंपनी रेजर 1 नवंबर को भारत में अपना पहला स्मार्टफोन लॉन्च करने के लिए तैयार है। एंड्रायड हेडलाइंस ने रविवार को खबर दी है कि कंपनी ने फिलहाल इसकी घोषणा को कुछ सप्ताह के लिए टाल दिया है। अभी जो तस्वीर कंपनी की तरफ से जारी की गई है उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह फोन दिखने में नेक्स्टबिट रोबिन जैसा होगा, लेकिन इसके पीछे की तरफ रेजर का लोगो लगा होगा।

यह स्मार्टफोन गेमिंग पर ध्यान केंद्रित करेगा और नेक्स्टबिट के अधिग्रहण के कारण डिवाइस में क्लाउड आधारित फीचर मौजूद हो सकते हैं। कंपनी के स्मार्टफोन में 2560 एवं 1440 रिजोलयूशन की 5.7 इंच की स्क्रीन हो सकती है। इस डिवाइस में स्नैपड्रैगन 835 चिपसेट होगी। इस स्मार्टफोन में 8 जीबी रैम, 12 मेगा पिक्सल का रियर और 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा होने की संभावना है। नेक्स्टबिट, जिसे गूगल की एंड्रायड टीम के पूर्व सदस्यों और एचटीसी के डिजाइन पूर्व प्रमुख ने स्थापित किया था, उसे इस साल जनवरी में रेजर ने अधिग्रहण कर लिया था।

जानिए, स्मार्टफोन से जुड़े कुछ खास तथ्यों के बारे में
नई दिल्ली। मौजूदा दौर मे स्मार्टफोन हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। इसके बिना आप किसी भी काम की कल्पना नहीं कर सकते हैं। पर जैसा कि हर टेक्नोलॉजी के साथ होता है, स्मार्टफोन को लेकर भी लोगों के दिमाग में कई तरह के भ्रम मौजूद हैं। कुछ को लगता है कि जरूरत से ज्यादा चार्ज करने पर स्मार्टफोन की बैटरी को नुकसान पहुंचेगा तो कुछ तो लगता है कि आपके हैंडसेट को सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीनगार्ड जरूरी है। कुछ लोग सोचते हैं कि स्मार्टफोन के कैमरे में जितने ज्यादा मेगापिक्सल होंगे, उतना ही अच्छा फोटो आएगा। कुछ लोग मानते हैं कि मल्टीकोर प्रोसेसर ज्यादा स्पीड से काम करता है। जानते हैं स्मार्टफोन से जुड़े इस तरह के कुछ खास तथ्यों के बारे में-

टास्क किलर से बढ़ती है स्पीड!
ज्यादातर लोगों का मानना है कि सभी एप्स को बंद करने या एप्स को रिमूव करने के लिए टास्क किलर इस्तेमाल करने से आपके डिवाइस की स्पीड बढ़ जाती है। लेकिन असलियत में होता यह है कि जब इन एप्स को इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं तो ये बैकग्राउंड में फ्रीज हो जाते हैं। ये बहुत कम मात्रा में मेमोरी काम में लेते हैं। ये रैम में कैश्ड हो जाती हैं, ताकि अगली बार इन एप्स को तेजी से ओपन कर सकें। इस्तेमाल में नहीं आने वाले एप्स को रैम से हटाने पर आपका फोन स्लो हो जाता है। इसलिए सोच-समझकर ही एप्स हटाएं।

ज्यादा चार्जिंग से खराब होती है बैटरी!
पूरी रात फोन चार्जिंग पर लगाकर छोडऩे से कोई नुकसान नहीं होता है, क्योंकि स्मार्टफोन्स को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि जरूरत से ज्यादा चार्ज होने पर वे खुद को सुरक्षित कर सकें। आपका फोन जैसे ही पूरा चार्ज होता है, यह करंट रोक देता है।

एंड्रॉइड फोन में वायरस होते हैं!
कुछ खास कारणों से एंड्रॉइड फोन्स की मेलवेयर के मामले में काफी खराब प्रतिष्ठा रही है। हालांकि यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल कुछ स्मार्टफोन्स ही हैं जो मेलवेयर से प्रभावित होते हैं। यदि आप गूगल प्ले से अपने लिए एप्स डाउनलोड कर रहे हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहां सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।

स्मार्टफोन का वास्तविक चार्ज ही सही!
ज्यादातर मॉर्डन स्मार्टफोन्स स्टैंडर्ड यूएसबी चार्जर्स इस्तेमाल करते हैं यानी आप कोई भी यूएसबी चार्जर काम में ले सकते हैं जो पर्याप्त पावर मुहैया करवाता है। यदि आप अपने फोन के लिए ऐसा चार्जर इस्तेमाल कर रहे हैं जो आपके पुराने चार्जर से ज्यादा पावरफुल है तो इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं है।

ज्यादा मेगापिक्सल यानी बेहतर फोटो!
स्मार्टफोन के कैमरे में ज्यादा मेगापिक्सल होने का अर्थ यह नहीं है कि फोटोज या वीडियोज की क्वालिटी भी शानदार ही होगी। फोटो और वीडियो की क्वालिटी के लिए कई अन्य चीजों का भी काफी फर्क पड़ता है।

मल्टी-कोर प्रोसेसर स्मार्टफोन तेज हैं!
जब भी स्मार्टफोन के प्रोसेसर की बात आए तो आपको इसकी क्वालिटी पर गौर करना चाहिए, न कि क्वांटिटी पर। यदि आप किसी एंड्रॉइड 8 कोर प्रोसेसर की तुलना एप्पल आईफोन 6 एस के ड्यूल कोर प्रोसेसर से करेंगे तो पता लगेगा कि आईफोन तेज है।