
CG News: भ्रष्टाचार का खेल खेलने वाले बाबुओं के दिन अब गिनती के बचे हैं। मेडिकल बिल पास कराने के नाम पर शिक्षक से 10 हजार की रिश्वत मांगने वाले बाबू मनोज कुमार ठाकुर को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल की हवा खिला दी।
ग्राम पारागांव निवासी शिक्षक चंद्रहास निषाद ने अपने बीमार बच्चे के इलाज में डेढ़ लाख रुपए खर्च किए थे। नियम अनुसार उन्होंने स्कूल में एक लाख का मेडिकल बिल लगाया। लेकिन बिल पास कराने के नाम पर बाबू ने 10 हजार की डिमांड कर दी। तंग आकर शिक्षक ने एसीबी से शिकायत की और वहीं शिकायत रिश्वतखोर के लिए फंदा बन गई।
आवेदक शिक्षक ने प्राचार्य कार्यालय में मेडिकल बिल का आवेदन 10 माह पहले जमा किया था। बार-बार निवेदन करने के बावजूद प्राचार्य ने अब तक न तो बिल भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाई और न ही वजह जानने की कोशिश की। यह उदासीनता और चुप्पी प्राचार्य की भूमिका पर भी सवाल खड़े करती है कि आखिर किसके इशारे पर प्रक्रिया को रोक कर रखा गया था।
एसीबी ने योजना बनाकर बाबू को घूस लेते ही पकड़ लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार आरोपी बाबू लंबे समय से शिक्षकों से मेडिकल बिल और अन्य कार्यों में अवैध वसूली करता आ रहा था। अब उसके पुराने कारनामों की भी जांच शुरू हो गई है। एसीबी का सत साफ संदेश है- अब चाहे बाबू हो या अफसर, रिश्वत लेने का मन बनाया तो याद रखना होगा कि एसीबी की नजर हर जगह है। रिश्वत ली तो सीधा जेल तय है।
Updated on:
23 Aug 2025 10:31 am
Published on:
23 Aug 2025 10:30 am
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