
CG News: रमेश टंडन/फसलें पककर कटने को तैयार हैं। त्योहारी सीजन भी सिर पर है। इन सबके बीच इलाके में राजस्व रेकॉर्ड में सुधार और जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए नामांतरण के मामले बढ़े हैं। रोज दूर-दराज से लोग अपने काम लेकर राजिम तहसील पहुंच रहे हैं। अफसर तो अफसर, यहां लोग कर्मचारियों के भी नहीं मिलने से हलाकान हैं।
लोगों की मानें तो पिछले एक हते से यही हाल है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला कि तहसील की व्यवस्थाएं पहले ही चौपट थीं। हाल ही में हुई प्रशासनिक सर्जरी के बाद राजिम में पूरा का पूरा राजस्व अमला ही वेंटीलेटर पर आ गया है। दरअसल, हफ्तेभर पहले गरियाबंद कलेक्टर ने एक आदेश निकालकर राजिम के तत्कालीन तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी को फिंगेश्वर भेज दिया।
वहां की तहसीलदार डिंपल ध्रुव को राजिम तहसील की कमान सौंपी। बताते हैं कि इसके बाद मैडम 2 बार राजिम तहसील आईं और बिना प्रभार लिए ही चली गईं। जबकि, अब तक चंद्रवंशी के फिंगेश्वर जाने की कोई सूचना नहीं है।
चर्चा है कि पुरानी जगह बने रहने में इंट्रेस्टेड एक अफसर के लिए प्रभार बदला जाना प्रहार जैसा हो गया है। यहीं से सारी व्यवस्था चौपट हुई है। तहसील में अफसरों की मौजूदगी भांपने पत्रिका टीम सोमवार दोपहर दतर पहुंची तो यहां न तहसीलदार मिले, न आरआई। पटवारी भी दतर के बाहर ताला लगाकर नदारद थे। बाहर बहुत से ग्रामीण अफसर-कर्मचारियों का इंतजार करते मिले।
बता दें कि तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी रायपुर जिले में रहते हुए जमीन को लैट बताकर सैकड़ों रजिस्ट्रियां रोकने के मामले में विवाद में आए थे। इस केस में उन पर कई गंभीर आरोप भी लगे थे। (CG News) इसी के बाद उन्हें रायपुर से गरियाबंद जिले में भेजा गया था। यहां भी वे काफी चर्चा में रहे हैं।
इधर, तहसील में दिन ब दिन बिगड़ती व्यवस्था ने जिला प्रशासन के सामने संकट खड़ा कर दिया है कि क्या वह सरकार की मंशाओं को पूरा कर पाएगी। दरअसल, सरकार का फोकस अभी ज्यादा से ज्यादा बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनवाने पर है। अभी तहसील का जो हाल है, उसे देखते हुए कहा नहीं जा सकता कि यहां सरकार के लिए लक्ष्य पूरा करना बड़ी चुनौती बनेगा।
CG News: राजिम में राजस्व विभाग की प्रशासनिक सर्जरी 7 महीने से चल रही है। पहले मार्च में तत्कालीन एसडीएम हटाकर अर्पिता पाठक राजिम भेजी गईं। इनके नेतृत्व में सरकारी जमीन से कब्जा खाली कराने दल-बल के साथ गई टीम भारी विरोध के बीच खाली हाथ लौटी।
विधानसभा में घोषणा के बाद बस स्टैंड की जमीन से भी कब्जा खाली न कराने का मामला फूटने के साथ उनकी विदाई हो गई। प्रशासन ने विशाल महाराणा को छुरा के साथ राजिम एसडीएम का प्रभार सौंपा गया। लोगों की शिकायत है कि प्रभारी एसडीएम राजिम में कम ही मिलते हैं। तहसीलदारों का भी तबादला हुआ, तो राहत मिलने की जगह नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
Updated on:
22 Oct 2024 01:22 pm
Published on:
22 Oct 2024 12:11 pm
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