27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने नक्सलियों के बाद अब इन्होने लगाए बैनर पोस्टर

ग्रामीणों ने गांव-गांव में बैनर-पोस्टर मुख्य मार्गों पर लगाकर नेताओं को अपने निर्णय से पूरी तरह से अवगत करवाना शुरू कर दिया है

2 min read
Google source verification
CGNews

लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने नक्सलियों के बाद अब इन्होने लगाए बैनर पोस्टर

देवभोग. 11 गांवों के ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार करने का सामूहिक निर्णय लिए जाने के बाद ग्रामीणों ने गांव-गांव में बैनर-पोस्टर मुख्य मार्गों पर लगाकर नेताओं को अपने निर्णय से पूरी तरह से अवगत करवाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की माने तो गांव के मुख्य मार्गों में बैनर लगाकर उसमें साफ कर दिया गया है कि वोट मांगने के लिए नेताओं का इस गांव में आना प्रतिबंधित है।

वहीं, ग्रामीणों द्वारा इस तरह का बैनर-पोस्टर लगाए जाने के बाद 11 गांव के साथ ही आसपास के गांव में भी परिस्थितियां कुछ बदलती नजर आ रही हैं। हालांकि आसपास के गांव के लोग 11 गांव के लोगों के निर्णय को लेकर कुछ कहते हुए भी नजर नहीं आ रहे हैं। आपको बताते चलें कि पिछले दिनों 11 गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने एसडीएम निर्भय साहू को ज्ञापन सौंपकर साफ कर दिया था कि उनकी मांगों को लेकर जिम्मेदारों ने किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया, ऐसे में वे चुनाव बहिष्कार करने को मजबूर हैं।

आपको बताते चले कि इस समय सेनमुड़ा, सुपेबेड़ा, ठिरलीगुड़ा, निष्टीगुड़ा के साथ ही 11 गांव में वोट बहिष्कार के बैनर-पोस्टर गांव के प्रमुख चौक-चौराहों पर लगा दिया गया है।

पुलिया की मिल चुकी हैं स्वीकृति
जनपद उपाध्यक्ष देशबंधु नायक बताते हैं कि सेनमुड़ा नदी पर बीते साल तत्कालीन संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी ने भूमिपूजन भी किया था। उस दौरान पुलिया की स्वीकृति करीब 6 करोड़ रूपए के आसपास बताई गई थी। ग्रामीण बताते हैं कि भूमिपूजन के दौरान कुछ दिन काम भी चला था, लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से अचानक काम बंद कर दिया गया। वहीं जिम्मेदारों से पूछने पर आए दिन गोलमोल जवाब मिलता था। जिसके चलते ग्रामीण बहुत ज्यादा नाराज हो गए। वहीं अंतिम में चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया।

अभी तक उम्मीदवारों ने नहीं किया दौरा
लोकसभा चुनाव के लिए वोट डालने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक भाजपा या कांग्रेस के
किसी भी उम्मीदवार ने 11 गांव तक पहुंचने की कोशिश भी नहीं की है, हालांकि मांग पूरी नहीं होने से नाराज चल रहे ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वे गांव के अंदर घुसने नहीं देंगे।