
एनएचएम संविदा कर्मचारी (Photo Patrika)
CG News: राज्य के लगभग 16 हजार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अब मोदी की गारंटी खोज अभियान के तहत राजधानी रायपुर की ओर कूच करेंगे। यह आंदोलन 18 अगस्त से शुरू हुआ। गुरुवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का ग्यारहवां दिन था। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने चुनाव में वादे किए थे, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
प्रदेश प्रतिनिधि भूपेश साहू और भूपेंद्र सिन्हा ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने मोदी की गारंटी के तहत एनएचएम कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया था। लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है, इसलिए कर्मचारियों को मजबूरन यह अभियान शुरू करना पड़ा। जिला संघ सचिव कमलेश्वर ढीढ़ी के अनुसार, इस अभियान में शुक्रवार को सभी कर्मचारी अपने-अपने जिलों से रायपुर की ओर रवाना होंगे। मार्ग में आए शहरों व गांवों में मोदी की गारंटी की वास्तविकता जानने के लिए पैफलेट बांटे जाएंगे। संघ राज्यभर में 2 लाख पैफलेट वितरित करने की योजना पर काम कर रहा है। इस माध्यम से कर्मचारी अपने घर, रिश्तेदार, दुकानदारों और राहगीरों को अपनी तकलीफ भी बताएंगे।
कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान को भी खारिज किया, जिसमें यह कहा गया कि 10 सूत्री मांगों में से पांच पूरी की जा चुकी हैं। उनका कहना है कि यह भ्रमित करने वाला बयान है। केवल एक मांग संवैतनिक चिकित्सा अवकाश पर सर्कुलर मिला है, बाकी किसी पर कोई लिखित आदेश नहीं है। आंदोलन के नेतृत्वकर्ता एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी, महासचिव कौशलेश तिवारी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, संगठन प्रभारी एवं कोषाध्यक्ष डॉ. रविशंकर दीक्षित, कार्यकारी अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे, प्रदेश मीडिया प्रभारी पूरन दास आनंद आदि हैं। गरियाबंद में जिलाध्यक्ष अमृत राव भोंसले, उपाध्यक्ष लबोदर महतो के मार्गदर्शन में यह अभियान चलाया जा रहा है।
गरियाबंद जिला मुख्यालय में जारी आंदोलन में ब्लॉक अध्यक्ष धीरज शर्मा, गौरव यादव, पुष्पा कुर्रे, गोविंद यादव, सौरभ पांडेय, ब्लॉक संरक्षक गणेश सोनी, शेखर धुर्वे, उमेश सोनी, सुचित्रा नागेश आदि शामिल हैं। कर्मचारियों ने कहा कि मांग पूरी होने के संबंध में सरकार द्वारा प्रचारित तथ्य गलत हैं। आंदोलन की मांगें स्पष्ट हैं और पूरा समर्थन चाहिए।
कर्मचारियों ने दुख जताया कि 20 साल से संगठित रूप से काम करने वाले संविदा कर्मचारी स्थाईकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर, ग्रेड पे, वेतन वृद्धि, अनुकंपा नियुक्ति आदि मांगों के बावजूद अनसुने हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र पर जिमेदारी डाला जाना गलत है। स्वास्थ्य का मामला राज्य सरकार के नियंत्रण में है और राज्य को इच्छाशक्ति दिखानी चाहिए।
Published on:
29 Aug 2025 11:48 am
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