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बच्चों को पढ़ाने नहीं आते शिक्षक, नाराज पालकों ने स्कूल में जड़ा ताला, अधिकारी हैरान

ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय शालाओं में शिक्षक पदस्थ तो हैं लेकिन वे बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। विभागीय स्तर पर शिकायतें भी की गईं लेकिन ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का रुख लापरवाही भरा होने के कारण स्थिति नहीं सुधर रही है। ऐसे में ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।

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बच्चों को पढ़ाने नहीं आते शिक्षक, नाराज पालकों ने स्कूल में जड़ा ताला, अधिकारी हैरान

स्कूल में तालाबंदी करने के बाद ग्रामीण।

बारनवापारा. शिक्षक की मांग पूरी नहीं होने पर ग्राम पाड़ादाह शासकीय प्राथमिक शाला में शुक्रवार को नाराज ग्रामीणों ने जड़ ताला दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां शिक्षकों की मांग को लेकर पालक व ग्रामीण शिक्षा अधिकारियों के मुख्यालय पहुंच कर आवेदन पत्र प्रस्तुत कर फरियाद करते रहे हैं, लेकिन अब तक इस प्राथमिक शाला में उनकी मांग की पूर्ति नहीं हो पाई है।

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ग्रामीणों की यह भी शिकायत रही है कि यहां के पदस्थ शिक्षक भी नियमित शाला नहीं पहुंते। इसके चलते यहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। केवल व्यवस्था एक शिक्षक ही शाला का संचालन कर रहे हैं। पालकों व ग्रामीणों ने कहा कि इस शिक्षक को यहां इस स्कूल में मूल रूप से पदस्थ किया जाए। साथ यहां के स्कूल नहीं आने वाले मूल प्रस्थापित शिक्षक को अन्यत्र स्थानांतरित कर कोई दूसरा शिक्षक भी स्कूल में पदस्थापना की जाए। लेकिन, ऐसा नहीं होने पर शुक्रवार से यहां तालाबंदी कर पालक व ग्रामीण आक्रोश जता रहे हैं। पिछले दिनों अपनी मांगों का जिक्र करते हुए कसडोल बीईओ को सौंपे गए अपने लिखित आवेदन पत्र में समाधान नहीं होने पर 9 तारीख से स्कूल में तालाबंदी की चेतावनी भी दी गई थी।

इस तालाबंदी के एक दिन पहले 8 दिसम्बर को कसडोल विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जरूर ही यहां इस स्कूल में प्राप्त आवेदन पत्र की कार्रवाई करने पहुंचे थे, लेकिन फिर भी यहां पालक व ग्रामीण उनके कृत कार्रवाई से संतोष नहीं दिख रहे हैं। जिसका नतीजा है कि विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता में डूबे यहां के पालकों व ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़ दिया। उनका कहना है कि ये ताला तभी खुलेगा, जब स्कूल में शिक्षकों उनकी मांग पूरी हो जाएगी।

इधर, कसडोल बीईओ राधेलाल जायसवाल का कहना है कि मैं अभी सोनाखान शहादत दिवस में दो दिवसीय ड्यूटी में हूं। तालाबंदी की मुझे फिलहाल जानकारी नहीं है। सोमवार को सोनाखान से लौटने के बाद संज्ञान में लूंगा। कल मैं वहां गया था। वहां के लिए नजदीकी गांव मुड़पार प्राथमिक शाला के दो में से एक शिक्षक को पाड़ादाह स्कूल के लिए व्यवस्था की कार्यवाही मैंने की थी।

इसके अलावा अतिथि शिक्षक रखने की बात को वहां ग्रामीण नहीं माने। उनकी मांग नियमित शिक्षक की है। डीएमएफ से कलेक्टर को शिक्षक नियुक्ति के लिए आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि पाड़ादाह मिडिल स्कूल में दो तथा प्राथमिक में एक शिक्षक हैं। इस दौरान इस पाड़ादाह स्कूल के साथ ही मुड़पार, अकलतरा, देवगांव व चरौदा स्कूल का भी मैंने दौरा किया है।