बोधगया। 34वीं कालचक्र पूजा के छठे दिन दलाई लामा ने बोधगया के कालचक्र मैदान में बोधिसत्व, सुख, धर्म, शून्यता, चित्त, कालचक्र और भगवान बुद्ध के उपदेशों पर प्रवचन दिए। कालचक्र मैदान, बाहर अलग-अलग टेंट और सड़क पर बैठे एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं से उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने परीक्षण की छूट दी है। बौद्ध धर्म पर परीक्षण कर विश्वास करें।
आज 21वीं सदी का बौद्ध बनना चाहिए। पहले केवल श्रद्धा और विश्वास से काम चल जाता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। दलाई लामा ने कहा कि बोधिसत्व के बारे में एक बार सुन लें तो परिवर्तन आ जाएगा, ऐसा नहीं है। इसके लिए समय लगता है। उन्होंने भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार बताया और कहा कि तिब्बत में तंत्र का विस्तार हो यही अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि क्लेश सभी दुखों का कारण बना है। मन को शुद्ध करोगे तो सुख मिलेगा।