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लोकसभा चुनाव से पहले इस जिले में 200 कॉलोनियों को किया गया अवैध घोषित, लाखों लोगों में मचा हड़कंप

गाजियाबाद में बसाई गई 200 कॉलोनियों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में घोषित किया अवैध

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लोकसभा चुनाव से पहले इस जिले में 200 कॉलियों को किया गया अवैध घोषित, लाखों लोगों में फैला आक्रोश

गाजियाबाद. दो सौ कालोनियों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने अवैध करार दिया है। वर्षों से अपना आशियाना बसाकर रह रहे लोगों में जीडीए के इस कदम से भारी आक्रोश है। प्रशासन के इस आदेश के साथ ही इन सभी कॉलोनियों में मकान, फ्लैट और प्लॉट रखने वालों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, जीडीए और जिला प्रशासन के इस फैसले के बाद इन सभी कॉलोनियों में न तो अब कोई मकान बेचे जा सकेंगे और न ही उसकी खरीदी हो पाएगी। यानी इन सभी इलाकों में तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्री बंद हो जाएगी। प्रशासन के इस फैसले से कई लोगों की भविष्य की योजना गड़बड़ाती हुई दिख रही है।

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इस संबंध में एडीएम फाइनेंस सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में शुरुआती दौर में 321 ऐसी कॉलोनी चिन्हित की गई थी, जो कि अवैध मानी जा रही थी। उन कॉलोनियों की खरीद-फरोख्त यानी रजिस्ट्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी, लेकिन कुछ कॉलोनी के बारे में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा पूरी तरह जांच करने पर पता चला कि 200 कॉलोनी तो साफ तौर पर अवैध हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 121 कॉलोनियों की अब भी गहन जांच की जा रही है । फिलहाल सिर्फ 200 कॉलोनियों में ही खरीद-फरोख्त यानी रजिस्ट्री पर रोक लगाई गई है।

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प्रशासन के आदेश के तुरंत बाद ही तहसील में इन सभी कॉलोनियों की रजिस्ट्री तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई थी, जिसके बाद से स्थानीय लोग काफी परेशानी महसूस करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि, जिन्होंने पहले यहां जमीन खरीदी हुई है और अब बेचना चाहते हैं तो उनकी जमीन बेच नहीं पा रही है। वहीं, कई ऐसे लोग भी दिखाई दिए, जिन्होंने अपनी लड़की की शादी करने के लिए खरीदी गई जमीन बेचने जा रहे थे, लेकिन अब वह नहीं बेच पा रहे हैं । जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर तहसील में भी सभी बैनामा लेखक का धंधा चौपट हो गया है । बैनामा लेखक इस फैसले को पूरी तरह गलत बता रहे हैं । बैनामा लेखकों का कहना है कि इस तरह का फरमान गाजियाबाद की जिलाधिकारी द्वारा सुनाया जाना बिल्कुल गलत है। यह हिटलर शाही है। कुछ बैनामा लेखकों का कहना है कि जब यह कॉलोनी यहं बनाई जा रही थी तो इन्हें उस वक्त क्यों बनने दिया गया। जब पहल यहां रजिस्ट्री होती आई है तो फिर अब यह अवैध कैसे हो गई। इस पूरे मामले में बैनामा लेखक एवं वकील रामानंद गोयल का कहना है कि जिलाधिकारी द्वारा इन कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर लगाई गई रोक पूरी तरह गलत है।

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सूची में संशोधन के बाद २०० कॉलोनियों को किया गया अवैध घोषित
दरअसल, जिला प्रशासन द्वारा 321 कॉलोनियों को अवैध करार दिया गया था। इसके साथ ही इन कॉलोनियों में सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई थी। जीडीए के इस फैसले के बाद जब लोगों का गुस्सा बढ़ा तो सभी ने जिलाधिकारी से मिलकर अपनी समस्याएं रखी । लोगों का आक्रोश देख डीएम ने दोबारा से इस सूची को संशोधित किए जाने की बात कही थी। इसके साथ ही डीएम ने जीडीए से ऐसी सभी कॉलोनियों की सूची मांगी थी, जो कि अवैध रूप से बसाई गई है। इसके बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने संशोधन करते हुए जिला प्रशासन को करीब 200 अवैध कॉलोनियों की सूची सौंपी है।