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किसानों के समर्थन में उतरे वकील, गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन खत्म करने के आदेश को कोर्ट में दी चुनौती

Highlights: -वकीलों ने जिलाधिकारी पर किसानों को जबरन हटाने का आरोप लगाया -पूर्व बार अध्यक्ष बोले- शांतिपूर्वक आंदोलन से हटाना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है -मामले में सुनवाई के बाद आगे की रणनीति तैयार करेंगे वकील

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

गाजियाबाद। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर-यूपी बॉर्डर पर राकैश टिकट के समर्थन में भारी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। इस बीच अब गाजियाबाद के वकील भी किसान आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। इतना ही नहीं, वकीलों ने दो दिन पहले गाजीपुर बार्डर से किसानों को जबरदस्‍ती हटाने को लेकर अदालत में जिलाधिकारी के फैसले तक को चुनौती दे दी है। जिस पर सुनवाई होनी है।

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दरअसल, गाजियाबाद जिलाधिकारी द्वारा दो दिन पहले धारा 133 और 144 सीआरपीसी के तहत किसानों को बॉर्डर से हटाने के निर्देश जारी किए थे। इस पर वकीलों का कहना है कि गाजीपुर बार्डर पर किसानों का आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा था और इस बीच जिलाधिकारी ने जबरन किसानों को हटाने के निर्देश दे दिए। यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है।

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गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष नाहर सिंह यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट कहना है कि अगर कोई शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करता है तो उसे रोका नहीं जा सकता। लेकिन जिलाधिकारी द्वारा निर्देश जारी करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को जबरन हटाना कोर्ट की अवमानना है। जिसे अदालत में चुनौती दी गई है। मामले में सुनवाई होने के बाद आगे की रणनीति तैयार करेंगे।


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