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गाजियाबाद में भी ब्लैक फंगस की दस्तक, 11 मरीजों में दिखे लक्षण, जानिए किन लोगों को ले रहा चपेट में

एक ही अस्पताल में इलाज करा रहे कोरोना मरीजों में दिखे लक्षण। सभी का इलाज कर रहे हैं डॉक्टर। डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कमी होने की कही बात।

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black fungus

गाजियाबाद। जनपद में कोविड-19 संक्रमण (coronavirus) के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) ने भी अपनी दस्तक दे दी है। जिसके चलते गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में 11 मरीज ब्लैक फंगस के पाए गए हैं। इसके बाद से लोगों में काफी दहशत का माहौल बना हुआ है। उधर निजी अस्पताल में उपचार कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि यह वायरस बेहद ही खतरनाक है। नाक में काला-काला हो जाता है और हड्डी को गलाने लगता है। खासतौर से जिन लोगों को कोरोना हुआ है और उन्हें डायबिटीज, कैंसर या अन्य बीमारी है, उन लोगों को यह ब्लैक फंगस के लक्षण मिलने का ज्यादा खतरा रहता है। हालांकि चिकित्सकों का यह भी कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन सावधानी अवश्य बरतनी चाहिए। तभी इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है।

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आपको बताते चलें कि गाजियाबाद की पॉश कॉलोनी आरडीसी इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में कई कोविड-19 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है। इनमें से 11 मरीज ऐसे हैं जो कोरोना की जंग तो जीत गए। लेकिन अब उनके अंदर ब्लैक फंगस के लक्षण पाए गए हैं फिलहाल सभी का उपचार जारी है। ईएनटी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने बताया कि जो लोग शुगर केंसर या अन्य गम्भीर बीमारी से पीड़ित संक्रमित हो जाते हैं ऐसे मरीज उपचार के बाद कोविड-19 से तो ठीक हो जाते हैं। लेकिन उन्हें ब्लैक फंगस का खतरा बन जाता है। यहां पर भी 11 मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना की जंग तो जीत ली लेकिन उन्हें ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में ले लिया है। उनका अभी भी उपचार जारी है।

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उन्होंने बताया कि इसके शुरुआती लक्षण नाक में पानी आना, सर में दर्द होना है। कोरोना वायरस के मुकाबले ब्लैक फंगस की मृत्युुु दर बहुत ज्यादा है,100 मरीज में से सिर्फ पांच ही बच पाते हैं। इस बीमारी केे लिए खास इंजेक्शन इंजेक्शन इंफोटेरिसिन बी की आवश्यकता होती है और अब यह भी रेमदेसीविर इंजेक्शन की तरह नहीं मिल पा रहा है। सरकार को इस पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज के परिजनों ने बताया कि वह ब्लैक फंगस की बीमारी में फंसे हैं। उन्हें डॉक्टर के द्वारा लिखा गया है कि इन्फोटेरिसिन इंजेक्शन गाजियाबाद में कहीं नहीं मिला है। उन्हें यहां समस्या हुई तो दिल्ली के सफदरगंज में घंटों लाइन में लगने के बाद यह इजेक्शन मिला है। हमारे मरीजों को कोविड हुआ था। उसके बाद हम इस अस्पताल में लेकर आये हैं।


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