
गाजियाबाद। राजधानी दिल्ली से सटा महानगर गाजियाबाद अपने आप में इतिहास को समेटे हुए है। जनपद में दो ऐसे मंदिर हैं जोकि रामायण काल और महाभारत के समय की याद दिलाते हैं। इसी तरीके से शहर में हिंडन नदी और यहां बने पुल का अपना इतिहास रहा है। पत्रिका डॉटकाम की अजब गजब सीरीज में आपको ऐसे ही रोचक तथ्यों से अवगत कराया जा रहा है।
अंग्रेजों ने बनवाया था पुल
हिंडन नदी पर बना हुआ पुल भी पुराने इतिहास का एक नमूना है। पिछली साल पुल में दरार आने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। लेकिन जानकारों का ऐसा मानना है कि 60 साल पहले लाखों रुपये खर्च कर इस पुल की मरम्मत कराई गई थी। बताया जाता है कि 1857 में हरनंदी (हिंडन) नदी पर आजादी की पहली क्रांति हुई थी। आजादी के कई साल बाद तक इस पुल का इस्तेमाल हुआ। साल 2006 में पुल के ज्वाइंट की मरम्मत पीडब्लूडी ने की थी।
कोलकाता जाने का सीधा रास्ता
कारोबार को बढ़ाने की नीयत से उस समय इस पुल को कड़ी मशक्कत के बाद में तैयार कराया गया था। ये पुल कोलकाता तक जाने का सीधा रास्ता था। राजधानी दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए बुलंदशहर व कानपुर के रास्ते लोग कोलकाता तक पहुंचते थे। इसी पुल की बदौलत बड़े वाहन माल लादकर यहां से गुजरते थे। बताया जाता है कि अंग्रेजों ने अपने एक्सपर्ट्स की मदद से उस वक्त भी करीब चार करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से इसका निर्माण कराया था।
देखें वीडियो- पिता ने बेटे को दी खौफनाक सजा
देखें वीडियो- पर्स चोरी करने गए जेब कतरे की लाइव पिटाई
अब नए पुल से ही बनेगी बात
सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर अजय कुमार के मुताबिक किसी भी पुल की उम्र तीस साल निर्धारित होती है। वाहनों का दवाब और घनत्व बढ़ने पर दोबारा से उस पर मरम्मत का काम ? कराया जाता है। जब ये पुल बना था उस समय करीब दस मिनट में एक वाहन यहां से गुजरता था, लेकिन मौजूदा समय में एक वाहन प्रति सेकंड के हिसाब से गुजरता है। इसलिए अब नए पुल से ही यहां पर बात बन सकेगी।
Published on:
02 Feb 2018 07:20 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
