
गाजियाबाद। दिवाली (Diwali) के बाद से एनसीआर (NCR) में प्रदूषण का स्तर खतनाक बना हुआ है। हाल यहां तक पहुंची कि एनसीआर (NCR) में बच्चों की छुट्टी तक करनी पड़ी। इसको देखते हुए अब जिले में एक अप्रैल (April) के बाद 60-70 हजार यूरो-6 वाहन लाने की योजना है। इसे बाद करीब 20 हजार वाहनों को जिले के बाहर कर दिया जाएगा। ये 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने डीजल वाहन होंगे।
1 अप्रैल से चलेंगे यूरो-6 वाहन
1 अप्रैल से एनसीआर के लोग यूरो-6 वाहन का इस्तेमाल करेंगे। खास बात यह है कि इसके लिए अतिक्ति शुल्क भी नहीं देना होगा। हरियाणा के कई शहरों में पहले से बीएस-6 का वाहन मिल रहा है। दिल्ली में भी बीएस-6 ईंधन पहले से मिल रहा है। सरकार ने 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 वाहन उतारने का फैसला किया था। सरकार ने बीएस-5 की जगह सीधे बीएस-6 मानक लागू करने का निर्णय लिया था। इसके बाद एनसीआर के बाकी जिलों में बीएस-6 पेट्रोल और डीजल की बिक्री होगी। फिलहाल यूरो-4 वाहन बिक रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद, नोएडा समेत एनसीआर में 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 ईंधन के वाहनों को उतारने की समयसीमा तय की है।
यह कहा एआरटीओ ने
एनसीआर की हवा अब भी सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसको देखते हुए यहां पर स्वच्छ ईंधन की जरूरत महसूस की गई है। एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत सिंह का कहना है कि 1 अप्रैल से जनपद में यूरो-6 मानक लागू करने की योजना है। हालांकि, अभी तक लिखित में कोई ओदश नहीं मिला है। इसके लागू होने से प्रदूषण में कमी आएगी। इसके लागू होने के बाद जिले में करीब 70 हजार यूरो-6 तकनीक के वाहन आ जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द आदेश आ जएगा। 1 अप्रैल के बाद यूरो-6 वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा।
ऐसे कम होगा प्रदूषण
बीएस-4 वाहनों के ईंधन में 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम सल्फर होता था जबकि बीएस-6 में इसकी मात्रा 10 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम होती है। साथ ही बीएस-6 में बीएस-4 के मुक़ाबले नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन पेट्रोल वर्जन में 25 फीसदी व डीजल इंजन में 68 फीसदी कम होगा। डीजल इंजन में पीएम का स्तर भी 82 फीसदी कम होगा।
Updated on:
03 Feb 2020 10:29 am
Published on:
03 Feb 2020 10:25 am
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