24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती की पार्टी BSP ने इस पूर्व विधायक से किया किनारा, पार्टी ने पत्र जारी कर दी यह सफाई

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले शर्मा को बसपा से निकाल दिया था बसपा से निकाले जाने के बाद अमरपाल शर्मा कांग्रेस (Congress) में चले गए थे लोकसभा चुनाव 2019 के वक्त शर्मा के बसपा ज्वाइन करने की फैली थी अफवाह

2 min read
Google source verification
27_10_2019-bsp_c_19704536.jpg

गाजियाबाद. पैसे लेकर किसी को भी टिकट बांटने का आरोप झेलने वाली बसपा सुप्रीमो ने मायावती (BSP SUPREMO MAYAWATI)ने दागदार नेताओं ने किनारा करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बसपा के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिलाध्‍यक्ष इस संबंध में एक लेटर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बसपा (‌एझ) का पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा (Amarpal Sharma) से कोई संबंध नहीं है। वह अब पार्टी के सदस्‍य भी नहीं हैं।

यह भी पढ़े: राम मंदिर पर फैसले के बाद इन हिन्दूवादी भाजपा नेताओं पर बढ़ा खतरा, सुरक्षा में तैनात होंगे इतने कमांडो

मामला साहिबाबाद (Sahibabad) के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा (Amarpal Sharma) से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में बसपा के जिलाध्‍यक्ष कुलदीप कुमार की ओर से मीडिया को एक पत्र जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि अमरपाल शर्मा खुद को बसपा का सदस्‍य बता रहे हैं, जो पूरी तरह से घलत है। बसपा छोड़ने के बाद उनको पार्टी में दोबारा जगह नहीं दी गई है। पिछले कुछ चुनाव के दौरान अमरपाल शर्मा ने पार्टी के टिकट पर दावेदारी की थी, लेकिन कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया था। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की शिकायतें मिलने के बाद पार्टी आलाकमान ने उनको पार्टी की सदस्‍यता नहीं दी थी। हालांकि, जब इस मामले में पत्रिका संवाददाता ने अमरपाल शर्मा को फोन किया तो उसका फोन स्विच ऑफ मिला।

यह भी पढ़ें: क्या है ईद मिलाद उन-नबी, मीठी ईद से कैसे है यह अलग

गौरतलब है कि अमरपाल शर्मा ने 2012 विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election) में उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सबसे बड़ी विधानसभा सीट साहिबाबाद से जीत हासिल की थी। उन्‍होंने बसपा के टिकट पर यह चुनाव लड़ा था। उनको बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) का करीबी माना जाता था। उन्‍होंने 2009 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भी बसपा के टिकट पर किस्‍मत आजमाई थी लेकिन निराशा हाथ लगी थी। उत्‍तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले उनको बसपा से निकाल दिया गया था। इसके बाद अमरपाल शर्मा कांग्रेस (Congress) में चले गए थे। फिर भाजपा नेता गजेंद्र भाटी की हत्‍या के आरोप मेंवह जेल भी गए थे। हाईकोर्ट (High Court) से राहत मिलने के बाद वह जमानत पर जेल से बाहर आए थे। जेल से बाहर आने के बाद अमरपाल शर्मा ने कांग्रेस पर साथ नहीं देने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी। लोकसभा चुनाव से पहले अमरपाल शर्मा के बसपा ज्‍वाइन करने की खबर फैली थी। गौरतलब है कि भाजपा नेता गजेंद्र भाटी उर्फ गज्जी हत्याकांड का आरोप साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पर लगा था। शूटर ने बताया था कि शर्मा ने ही गजेन्द्र की हत्या के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी दी थी। इसके बाद शर्मा को जेल भेज दिया गया था। हालांकि, वह बाद में जेल से जमानत पर रिहा हो गए थे।