
गाजियाबाद. थाना साहिबाबाद इलाके में स्थित केंद्रीय विद्यालय में दूसरी क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ उसी विद्यालय के कक्षा 6 के छात्र द्वारा रेप की घटना सामने आई है। बताया जाता है कि 8 नवंबर को इस रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। इतना ही नहीं, उस दौरान छात्रा के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा तक भी डाल दिया गया। इस दौरान लकड़ी का कुछ हिस्सा प्राइवेट पार्ट के अंदर ही फंसा रहा, जिसके कारण लड़की के प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन शुरू हो गया । लेकिन लड़की ने यह बात अपने मां-बाप से छिपाकर रखी हुई थी ।
जानकारी के अनुसार स्कूल की कुछ टीचर्स को भी इस बात की भनक लगी थी, लेकिन इस बात को दबाकर रखने के लिए लड़की पर दबाव बनाया गया। इसके चलते लड़की ने अपने घरवालों से यह बात नहीं बताई थी। आखिरकार जब लड़की को प्राइवेट पार्ट में ज्यादा इन्फेक्शन फैलना शुरू हुआ तो उसे माता-पिता जब डॉक्टर के यहां ले गए तो डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा फंसा हुआ है । इसी के कारण यह इंफेक्शन बढ़ा है। जब लड़की से उसके घरवालों ने गहन पूछताछ की तो लड़की ने बताया कि उसी के स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ने वाले एक छात्र ने उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया था । उसी दौरान उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाला गया था। यह बात सुनते ही लड़की के परिजन सन्न रह गए। इसके बाद परिजनों ने रविवार को थाना साहिबाबाद में आरोपी छात्र और स्कूल की दो टीचर्स के खिलाफ तहरीर दी है। इसके आधार पर पुलिस ने आरोपी छात्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है । इस पूरे मामले में एसपी सिटी आकाश तोमर ने बताया कि परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा लिख दिया गया है। मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।
वहीं, मनोचिकित्सक आर चंद्रा ने बताया कि इतनी छोटी उम्र में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की वजह मोबाइल, इंटरनेट, टेलीविजन और सोशल साइट्स है। इसके अलावा बच्चे का अकेलापन भी इस तरह की घटनाओं को करने के लिए उसे उत्साहित रहते हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल इंटरनेट टेलीविजन और सोशल साइट पर बच्चा यदि अकेलेपन में इसका इस्तेमाल करता है तो जो गलत चीजें होती है। उसकी तरफ ज्यादा आकर्षित होता है, क्योंकि उसमें जो दिखाया जाता है। बच्चे अकेलेपन में उसी को अपने जीवन में उतार लेने का प्रयास करते हैं । इसी कारण बच्चे गलत दिशा चुन लेते हैं । इसमें सबसे बड़ी गलती बच्चों के परिजनों की भी है, क्योंकि इस युग में अपने बच्चों को लोग मोबाइल, इंटरनेट ,टेलीविजन की सुविधा जरूर देते हैं, लेकिन उसे यह नहीं पढ़ पाते कि आखिर बच्चा किस दिशा में जा रहा है।
इसके अलावा हमने स्कूल के एक छात्र और एक और बुद्धिजीवी शख्स से भी इस तरह की घटनाओं के बढ़ने की वजह के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने भी सबसे ज्यादा बच्चों को अकेलापन छोड़ने को ही आधार माना है । साथ ही मोबाइल इंटरनेट टेलीविजन की जो सुविधाएं बच्चों को दी जाती है, उसके साथ-साथ परिजनों को उन पर बाकायदा नजर भी बनाकर रखनी चाहिए ताकि समय पर यह पता चल सके कि आखिर बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं।
Published on:
04 Dec 2017 04:08 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
