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निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी में गहराया अंतरकलह

गाजियाबाद महानगर अध्य्क्ष और पूर्व सासंद की भूमिका पर उठे सवाल

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गाजियाबाद। निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार ने संगठन के लोगों के बीच अंतरकलह को बढ़ा दिया है। गाजियाबाद जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के जिलाध्य़क्ष नसीम खान ने अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्हेंने कांग्रेस के पूर्व सांसद और महानगर अध्य़क्ष की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा गाजियाबाद में हुए चुनाव को प्री-स्क्रिप्टेड करार दिया है। दावा किया जा रहा है कि पूर्व सांसद पहले ही बीजेपी की प्रत्याशी को जीत का आर्शीवाद दे चुके थे।

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जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के जिलाध्य़क्ष नसीम खान ने आरोप लगाया कि सुरेन्द्र गोयल और नरेंद्र भारद्वाज ने मिलकर भाजपा से दलाली कर कांग्रेस से धोखेबाज़ी की है। उन्हेंने कहा कि गाज़ियाबाद के 30 वार्डो में उम्मीदवार नहीं उतारे गए। 20 वार्डों में भाजपा पार्षद के सामने डमी उम्मीदवार दिए गए, जिन्होंने अपने कार्यालय तक नहीं खोले। 25 वार्डों पर दूसरी पार्टियों से आए हुए नेताओं से मोटी रकम लेकर टिकट दिए गए। उन्होंने कहा कि इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को इन सभी बातों का जवाब मिलना चाहिए।

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कांग्रेस के पूर्व सांसद ने दिया था जीत का आर्शीवाद
नसीम खान के मुताबिक पूर्व सांसद सुरेन्द्र गोयल ने नामाकंन किए जाने के दौरान हीं भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार आशा शर्मा को आर्शीवाद दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके अलावा पूर्व मेयर स्व. तेलूराम काम्बोज और वर्तमान खाद्य रसद मंत्री अतुल गर्ग को भी ऐसे ही जीत का आशीर्वाद दे चुके हैं।

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सबसे खतरनाक बात यह थी कि डोली शर्मा जनसंघी भाजपाई थी। उसका कोई भी राजनैतिक इतिहास नहीं था। एक ऐसी महिला को इतना बड़ा टिकट दे दिया गया, जिसने पहले कभी हमारी पार्टी में काम ही नहीं किया था और न ही कभी हमारी विचार धारा की रही है । डोली शर्मा का ससुराल जनसंघी है। उसी वजह से डोली शर्मा के ससुर और उसके पति कभी भी प्रचकर में नहीं दिखाई दिए ।