
पति-पत्नी ने 90 हजार रुपए के लिए कर दी थी मकान मालकिन की हत्या, PC- Patrika
गाजियाबाद : राजनगर एक्सटेंशन की पॉश ऑरा चिमेरा सोसाइटी में किराए का विवाद एक खौफनाक हत्या में बदल गया। स्कूल टीचर दीपशिखा शर्मा (48) बकाया किराया मांगने अपने ही किराए के फ्लैट पर गई थीं, लेकिन वहां किरायेदार पति-पत्नी अजय गुप्ता और आकृति गुप्ता ने मिलकर उनकी निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को रेड सूटकेस में ठूंसकर बेड के नीचे छिपा दिया। आरोपी लाश ठिकाने लगाने की फिराक में थे, लेकिन मेड की सूझबूझ से पकड़े गए। पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार कर लिया है।
दीपशिखा शर्मा गाजियाबाद के कविनगर इलाके में एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं। उनके पति उमेश शर्मा हरियाणा के फरीदाबाद में बिजनेस करते हैं और ज्यादातर वहीं रहते हैं। दंपती की इकलौती बेटी गुरुग्राम में जॉब करती है। सोसाइटी में शर्मा परिवार के दो फ्लैट हैं। एक (टावर M, फ्लैट 105) में वे खुद रहते थे, दूसरा (टावर F, फ्लैट 506) जुलाई 2025 में अजय गुप्ता और आकृति गुप्ता को किराए पर दिया गया था। महीने का किराया 18 हजार रुपए तय हुआ, लेकिन किरायेदारों ने कभी पूरा पेमेंट नहीं किया। 5-6 महीनों में करीब 90 हजार रुपए बकाया हो गए।
दीपशिखा अक्सर किराया मांगने के लिए कॉल करतीं या जातीं, जिससे अजय-आकृति से झगड़े होते रहते थे। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि दीपशिखा शिकायत करती थीं। 'फ्लैट किराए पर देकर गलती कर दी, न किराया दे रहे न घर खाली कर रहे।'
17 दिसंबर 2025 की शाम करीब 7 बजे आकृति ने दीपशिखा को फोन किया, "दीदी, कुछ पैसे अरेंज किए हैं, आ जाइए ले लीजिए।' दीपशिखा की मेड मीना ने उन्हें अकेले न जाने की सलाह दी, मेड ने बताया कि, 'मैंने दीदी से कहा कि अकेले मत जाओ, मैं साथ चलती हूं। लेकिन वो अकेली चली गईं।' लेकिन वे चली गईं। शाम 7:30 बजे फ्लैट 506 में पहुंचीं।
बेडरूम में ले जाकर आकृति ने दीपशिखा के हाथ पकड़ लिए। इस दौरान दोनों में बहस होने लगी, आकृति बोली- 'तुम्हें सिर्फ पैसे दिखते हैं, गरीबों का दर्द नहीं।' इसी दौरान अजय ने मुंह में चुनरी ठूंस दी ताकि चीख न निकले। फिर प्रेशर कुकर से सिर पर कई वार किए और दुपट्टे से गला घोंट दिया। पोस्टमॉर्टम में गर्दन की हड्डी टूटने और सिर पर गंभीर चोट के निशान मिले। हत्या के बाद शव को रेड सूटकेस में ठूंस दिया। फिट न होने पर हाथ-पैर मोड़कर/तोड़कर डाला और बेड बॉक्स में छिपाया। आरोपी रात में लाश किसी नाले या गंग नहर में फेंकने की प्लानिंग कर रहे थे। इसके लिए 500 रुपए में ऑटो भी बुक कर लिया था।
रात 11 बजे तक दीपशिखा घर न लौटीं तो मेड मीना को शक हुआ। मीना ने पहले किरायेदारों के फ्लैट पर जाकर पूछा, लेकिन संदिग्ध जवाब मिले। फिर सोसाइटी का CCTV चेक किया। दीपशिखा फ्लैट में जाती दिखीं, लेकिन बाहर निकलते नहीं। इसी बीच अजय-आकृति सूटकेस लेकर लिफ्ट से नीचे आए और ऑटो में बैठने लगे। मीना ने उन्हें देख लिया और रोक लिया। 'दीदी मिलने तक आप कहीं नहीं जा सकते।' मीना ने हंगामा किया, पड़ोसी जुट गए। डायल-112 पर कॉल हुई। मीना ने दंपती को फ्लैट में वापस भेजा और बाहर से गेट लॉक कर दिया।
रात करीब 12:30 बजे पुलिस पहुंची। पूछताछ में आरोपी झूठ बोलते रहे कि दीपशिखा किराया लेकर चली गईं। लेकिन मीना ने सूटकेस का जिक्र किया। तलाशी में बेड बॉक्स से रेड सूटकेस बरामद हुआ, जिसमें दीपशिखा की लाश मिली।
गिरफ्तारी के बाद अजय और आकृति ने जुर्म कबूल किया। वीडियो में अजय बोला- 'मैंने अकेला किया, इसकी गलती नहीं।' आकृति ने टोका- 'हम दोनों ने मिलकर किया।'
आरोपियों ने बताया कि उनका ट्रांसपोर्ट बिजनेस घाटे में चला गया। पहले वाली सोसाइटी में भी किराया बकाया था। दीपशिखा उन्हें 'मेंटल टॉर्चर' करती थीं। खाना नहीं खाने देतीं, बाहर नहीं निकलने देतीं। विवाद में दीपशिखा ने हाथ उठाया, इसलिए गुस्से में हत्या कर दी।
दीपशिखा की मां सुमित्रा रोते हुए बोलीं- 'बेटी सिर्फ किराया मांगने गई थी। नहीं देना था तो न देते, जान क्यों ली? इनको फांसी होनी चाहिए।' भाई मनीष ने कहा- 'बहन से आखिरी बार बात 16 दिसंबर को हुई।
एसीपी नंदग्राम उपासना पांडेय ने बताया, आरोपी हिरासत में हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
19 Dec 2025 05:40 pm
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