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वोट बनाने में किया जा रहा था खेल, डीएम ने पकड़ा मामला

गड़बड़ी पाए जाने पर गाजियाबाद डीएम ने तीन कर्मचारियों पर की कार्रवाई

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गाजियाबाद। नगर निगम चुनाव की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने शुक्रवार को विकास भवन में औचक निरीक्षण किया। यहां विकास भवन में बने निर्वाचन कार्यालय में अचानक डीएम के पहुंचने की वजह से स्टाफ में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में स्टाफ ने फैले हुए काम को समेटा। चुनाव में नामाकंन करने वाले लोगों की तऱफ से डीएम से शिकायत की गई थी, जिसके बाद डीएम वहां पहुंची थीं। दरअसल, एक पार्टी की तरफ से शिकायत की गई थी क‍ि ऑफिस में रुपये लेकर वोट सत्यापित किए जा रहे थे।

अधिकारियों को लगाई फटकार

कार्यालय में चुनाव के लिए लोगों की भीड़ और असुविधा के माहौल को देखकर डीएम ने सहायक निर्वाचन अधिकारी को फटकार लगाई। इसके अलावा लोगों का जमावड़ा होने पर नाराजगी भी जाहिर की। जिलाधिकारी ने वोटों की रसीदों में गड़बड़ी मिलने पर सहायक निर्वाचक अधिकारी समेत दो अन्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। डीएम के एक्शन की वजह से अब बाकी दूसरे विभाग के अधिकारियों को भी औचक निरीक्षण का खौफ सता रहा है।

रुपये लेकर बनाई जा रही थी वोट
डीएम रितु माहेश्वरी ने कार्यालय में रसीदों का सत्यापन किया तो सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी विशाल सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गयी। तत्काल प्रभाव से डीएम के निर्देश पर विशाल सिंह को काम से हटा दिया गया। डिप्टी कलेक्टर इंदु प्रकाश को यहां के काम को संभालने के लिए कहा गया। अब निवार्चन के काम से संबंधी सभी व्यवस्था इंदु प्रकाश ही देखेंगे। डीएम ने पाया कि यहां पैसे लेकर वोट सत्यापित किए जा रहे थे।

दो अन्य अधिकारी के खिलाफ भी हुई कार्रवाई
इसी कड़ी में कैदियों की पैरोल से जुड़ी फाइलों को रोकने के आरोप में डीपीओ नीलेश मिश्र को चेतावनी जारी करते हुए उनके लिपिक हरवीर सिंह को प्रितिकूल प्रविष्टि जारी कर दी। खनन अधिकारी के अलावा मनोरंजन कर अधिकरी के खिलाफ केवल रिश्वतखोरी के चलते बड़ी कार्रवाई की गई है। यही नहीं संयुक्त अस्पताल के डॉक्टर द्वारा गरीब आदमी से रिश्वत मांगने पर भी बड़ी कार्रवाई की गई है। इससे तमाम सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है।

अपर जिला अधिकारी ने कहा

अपर जिला अधिकारी ज्ञानेन्द सिंह वर्मा ने बताया कि डीएम की तरफ से कार्रवाई की गई है। एक पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। इसकी वजह से उनके कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। पार्टी का दावा था कि रुपये लेकर वोट सत्यापित किए जा रहे थे।